The Oldest Shri Jagannath Mandir in Delhi & NCR - Since 1968

वट सावित्री 2025: श्री जगन्नाथ मंदिर, थ्यागराज नगर में शुभ मुहूर्त और परंपरा

वट सावित्री व्रत 2025 में महिलाएं वट वृक्ष की पूजा करती हुईं – श्री जगन्नाथ मंदिर, त्यागराज नगर, दिल्ली

🌳 वट सावित्री व्रत 2025: अखंड सौभाग्य का प्रतीक व्रत और उसकी पौराणिक महिमा

वट सावित्री व्रत 2025 भारतीय विवाहित महिलाओं के लिए एक अत्यंत पावन अवसर है, जिसे वे अपने पति की लंबी उम्र, उत्तम स्वास्थ्य और अखंड सौभाग्य की कामना के साथ बड़े श्रद्धा भाव से मनाती हैं। यह व्रत इस वर्ष 26 मई, सोमवार को मनाया जाएगा और इसका विशेष आयोजन श्री जगन्नाथ मंदिर, त्यागराज नगर, नई दिल्ली में किया जा रहा है। इस दिन महिलाएं वट (बरगद) वृक्ष की पूजा कर देवी सावित्री की अमर कथा को याद करती हैं, जिन्होंने अपनी भक्ति और बुद्धिमत्ता से पति सत्यवान के प्राण यमराज से वापस ले लिए थे।

वट सावित्री व्रत, भारतीय विवाहित महिलाओं द्वारा रखा जाने वाला एक अत्यंत शुभ व्रत है जो पति की लंबी उम्र, उत्तम स्वास्थ्य और पारिवारिक सुख-समृद्धि की कामना हेतु किया जाता है। यह व्रत 2025 में 26 मई, सोमवार को मनाया जाएगा। इस दिन वट (बरगद) वृक्ष की पूजा कर महिलाएं देवी सावित्री और उनके अद्भुत साहस की स्मृति में व्रत रखती हैं।

📍 स्थान: श्री जगन्नाथ मंदिर, त्यागराज नगर, नई दिल्ली
🕓 समय: सुबह 6:30 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक
🌐 www.shrijagannathmandirdelhi.in

📖 व्रत का इतिहास और पौराणिक कथा (विस्तारित संस्करण)

वट सावित्री व्रत का इतिहास प्राचीन वैदिक काल से जुड़ा हुआ है और यह व्रत हिंदू धर्म की स्त्री-धर्म परंपरा का एक गौरवशाली प्रतीक है। इसका उल्लेख महाभारत, स्कंद पुराण, और व्रतार्क जैसे शास्त्रों में भी मिलता है। यह व्रत विशेष रूप से पति की दीर्घायु, उत्तम स्वास्थ्य और दाम्पत्य सुख की प्राप्ति हेतु किया जाता है।

🌿 सावित्री-सत्यवान की अमर कथा:

राजा अश्वपति की पुत्री सावित्री अत्यंत रूपवती, तेजस्विनी और बुद्धिमती थी। उन्होंने कठोर तप और साधना से सत्यवान जैसे धर्मनिष्ठ, परंतु अल्पायु राजकुमार को पति रूप में चुना। ब्राह्मणों की चेतावनी के बावजूद उन्होंने निश्चय किया कि वे अपने तप, भक्ति और साहस से पति के जीवन को बचा लेंगी।

जब नियत समय आया और यमराज सत्यवान के प्राण लेने आए, तो सावित्री ने उनका पीछा करते हुए उन्हें धर्म, नीति और भक्ति के तर्कों से प्रभावित किया। यमराज ने प्रसन्न होकर पहले उसके सास-ससुर की नेत्रज्योति, फिर सौ पुत्रों का आशीर्वाद, और अंततः स्वयं सत्यवान के जीवन की भी पुनर्प्राप्ति का वरदान दे दिया।

इस प्रकार, सावित्री आज भी भारतीय नारी शक्ति और पतिव्रता धर्म की आदर्श मूर्ति मानी जाती हैं।

 वट वृक्ष की ऐतिहासिक महिमा:

वट वृक्ष (बरगद) को हिंदू धर्म में अमरता और जीवन का प्रतीक माना जाता है। यह वृक्ष त्रिदेवों – ब्रह्मा, विष्णु और महेश – का साक्षात वास स्थल माना जाता है। इसकी विशाल जटाएं जीवन के विस्तार और इसकी छाया सुरक्षा का प्रतीक हैं। ऋषि-मुनियों ने प्राचीनकाल में वट वृक्ष के नीचे तपस्या कर ज्ञान की प्राप्ति की।

कहा जाता है कि भगवान नारद, व्यास, और कई अन्य महर्षियों ने वट वृक्ष के नीचे बैठकर पुराणों और वेदों की रचना की थी। इसलिए इस वृक्ष की पूजा करना केवल परंपरा नहीं, बल्कि एक गहरा आध्यात्मिक संस्कार भी है।

📚 ऐतिहासिक प्रमाण:

  • बौद्ध और जैन ग्रंथों में भी वट वृक्ष का उल्लेख मिलता है, जहाँ यह ज्ञान और मोक्ष की प्राप्ति का स्थान रहा है।

  • अक्षय वट प्रयागराज में स्थित है, जिसे त्रेता युग से माना जाता है।

  • वट सावित्री व्रत की शुरुआत उत्तर भारत में हुई और धीरे-धीरे यह देशभर में लोकप्रिय हो गया।

🌿 वट वृक्ष का महत्व

वट वृक्ष (बरगद) को हिंदू धर्म में अमरता, दीर्घायु और स्थायित्व का प्रतीक माना जाता है। यह त्रिदेवों – ब्रह्मा, विष्णु और महेश – का वास स्थल भी कहा गया है। इसकी परिक्रमा कर महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन में स्थिरता और सौभाग्य की प्रार्थना करती हैं।

🕉️ पूजा विधि (Step-by-Step)

  1. प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें (विशेषतः लाल, पीले या हरे रंग की साड़ी)।

  2. हाथ में फूल, रोली, मौली, चावल, फल, मिठाई और जल लेकर व्रत का संकल्प लें।

  3. वट वृक्ष के नीचे पूजा की थाली सजाएं।

  4. वट वृक्ष की जड़ में जल चढ़ाएं और मौली लपेटकर परिक्रमा करें (7 या 11 बार)।

  5. सावित्री-सत्यवान व्रत कथा सुनें या पढ़ें।

  6. अंत में सिंदूर, बिंदी, चूड़ी और सुहाग सामग्री दान करें।

  7. दिनभर व्रत रखें और शाम को व्रत समाप्त करें।

🪔 श्री जगन्नाथ मंदिर में विशेष आयोजन

श्री जगन्नाथ मंदिर, त्यागराज नगर, इस दिन महिलाओं के लिए एक सामूहिक व्रत पूजन कार्यक्रम का आयोजन करता है। इसमें विशेष व्यवस्था की जाती है:

  • कथा वाचन मंच

  • पूजा सामग्री किट

  • जल एवं प्रसाद की सुविधा

  • महिला स्वयंसेवकों द्वारा मार्गदर्शन

यह न केवल पूजा का स्थान है, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक सशक्तिकरण का केंद्र भी बनता है।

🌟 आधुनिक संदर्भ में व्रत का महत्व

आज के दौर में, जहां रिश्तों में अस्थिरता बढ़ती जा रही है, यह व्रत एक सांस्कृतिक पुनर्जागरण है – जो नारी की श्रद्धा, शक्ति और मानसिक दृढ़ता को पुनः स्थापित करता है। वट सावित्री व्रत आज केवल धार्मिक क्रिया नहीं बल्कि परिवार की एकता और नारी के आत्मबल का उत्सव बन चुका है।


❓ FAQs – वट सावित्री व्रत 2025

Q1. वट सावित्री व्रत कब है 2025 में?
📅 26 मई 2025, सोमवार

Q2. क्या केवल विवाहित महिलाएं ही व्रत कर सकती हैं?
हाँ, परंपरागत रूप से यह व्रत विवाहित स्त्रियों के लिए है। अविवाहित लड़कियां भी भविष्य के अच्छे जीवनसाथी की कामना से रख सकती हैं।

Q3. क्या यह निर्जला उपवास होता है?
यह निर्जला भी रखा जा सकता है, लेकिन सामान्यत: महिलाएं फलाहार करती हैं।

Q4. पूजा में क्या सामग्री चाहिए?
मौली, फल, फूल, जल, सुपारी, रोली, चावल, धूप, दीप, पान, नारियल, मिठाई, कथा पुस्तिका।

Q5. क्या व्रत कथा पढ़ना जरूरी है?
हाँ, व्रत कथा पढ़ना या सुनना अनिवार्य माना गया है ताकि व्रत का आध्यात्मिक फल प्राप्त हो।

📌 निष्कर्ष

वट सावित्री व्रत 2025 भारतीय संस्कृति में नारी की शक्ति, श्रद्धा और पतिव्रता धर्म की अद्वितीय मिसाल है। श्री जगन्नाथ मंदिर, दिल्ली के इस आयोजन में भाग लेकर आप न केवल धार्मिक पुण्य अर्जित करेंगे, बल्कि हमारी परंपरा और सांस्कृतिक पहचान को भी सशक्त बनाएंगे।

📞 संपर्क करें: +91 9319 04 5850
🌐 www.shrijagannathmandirdelhi.in

 

Share this post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Support Rath Yatra 2025! 🙏

Be a part of Shri Jagannath Mandir’s Rath Yatra Mahotsav (27 June – 07 July 2025) by sponsoring prasad, decorations, sewa, or advertisements. Your generous donations will help in organizing rituals, distributing bhog, and ensuring a grand celebration. Contribute today and receive divine blessings!

📲 Quick Payment/Donation Link: Click to Donate

For sponsorship details, contact 9319045850 / 011-24647722.

Anubhav Mohanty & Jagrati Shukla’s Wedding

AT SHRI JAGANNATH MANDIR, THYAGRAJ NAGAR, DELHI

Related Posts
शिव विवाह त्यागराज नगर 2025: भगवान शिव और माता पार्वती का दिव्य मिलन

शिव विवाह 2025: त्यागराज नगर में देखें महादेव और माता पार्वती का दिव्य मिलन!

शिव विवाह 2025: त्यागराज नगर में साक्षात् प्रेम की अलौकिक गाथा! कल्पना कीजिए – एक ऐसा पल, जब देवों के देव महादेव और आदिशक्ति माता

Read More »
Niladri Bije Tyagaraj Nagar 2025: Lord Jagannath's grand homecoming.

नीलाद्री बिजे 2025: रथ यात्रा का भव्य समापन – जब भगवान जगन्नाथ अपने धाम लौटते हैं, और रूठी प्रिया को मनाते हैं!

नीलाद्री बिजे त्यागराज नगर: आस्था, प्रेम और मिलन का ये अद्वितीय पर्व! एक महीने से अधिक समय तक चला प्रतीक्षा का सफर, दस दिनों की

Read More »
Adhar Pana Tyagaraj Nagar 2025: Divine Nectar offered to Lord Jagannath.

आधार पाणा 2025: देवताओं के कंठ को तृप्त करता दिव्य अमृत – त्यागराज नगर में भगवान जगन्नाथ को समर्पित विशिष्ट भोग!

आधार पाणा त्यागराज नगर: जहाँ भगवान को मिलता है सबसे खास अमृत! सोचिए, एक ऐसा पेय जो न केवल स्वाद में अद्वितीय है, बल्कि जिसका

Read More »
Social Media Updates