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Anubhuti Re: A Divine Connection with Shri Jagannath Ji

In the bustling heart of New Delhi, devotees are gathering for a truly divine and heartfelt evening at Shri Jagannath Mandir, Thyagraj Nagar. The event, “Anubhuti Re,” is not just a spiritual program but a soul-stirring opportunity for devotees to come together and share their personal experiences and profound moments with Shri Jagannath Ji. This special event, scheduled for 7:00 PM on November 30, 2024, invites everyone to reflect, connect, and rejoice in the glory of Lord Jagannath. Let’s delve deeper into the significance of this event, the spirit of devotion, and the community that celebrates it. Understanding Lord Jagannath: The Lord of the Universe Lord Jagannath, an incarnation of Lord Vishnu, is revered as the Lord of the Universe. His name itself signifies universality—‘Jagat’ (world) and ‘Nath’ (lord). He is worshipped in various forms, but his divine presence at the Shri Jagannath Temple in Puri, Odisha, is globally renowned.

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Tulsi Vivah 2024 at Shri Jagannath Mandir

तुलसी विवाह 2024 का आयोजन इस वर्ष श्री जगन्नाथ मंदिर, त्यागराज नगर, दिल्ली में 15 नवंबर को किया जाएगा। इस दिन का विशेष महत्व हिंदू धर्म में तुलसी माता और भगवान विष्णु के विवाह के रूप में माना जाता है। इसे कार्तिक शुक्ल एकादशी के बाद द्वादशी तिथि को मनाया जाता है। तुलसी विवाह का महत्व तुलसी विवाह का उल्लेख पुराणों में मिलता है और इसे विवाह का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन तुलसी विवाह का आयोजन करता है या उसमें सम्मिलित होता है, उसे वैवाहिक सुख, परिवार में समृद्धि, और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। तुलसी माता का विवाह भगवान विष्णु के शालिग्राम स्वरूप से संपन्न होता है, जो कि हिंदू धार्मिक परंपरा में बहुत शुभ माना जाता है। श्री जगन्नाथ मंदिर में तुलसी विवाह की विशेषताएं श्री जगन्नाथ मंदिर में तुलसी विवाह के आयोजन में श्रद्धालुओं का बहुत उत्साह होता

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Kartik Purnima 2024

कार्तिक पूर्णिमा 2024 का त्योहार 15 नवंबर को मनाया जाएगा। इसे हिंदू धर्म में विशेष महत्व प्राप्त है और यह कार्तिक मास की पूर्णिमा को आता है। इसे देव दीपावली या त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहते हैं, क्योंकि यह दिन भगवान शिव के त्रिपुरासुर का वध करने की स्मृति में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन गंगा, यमुना जैसी पवित्र नदियों में स्नान और दीपदान करने से जीवन में सुख-शांति और पापों से मुक्ति मिलती है। भगवान विष्णु की पूजा, व्रत, और दान-पुण्य का भी इस दिन विशेष महत्व है। कार्तिक पूर्णिमा का महत्व कार्तिक पूर्णिमा के दिन का महत्व वेदों और पुराणों में वर्णित है। इसे भगवान विष्णु और शिव दोनों का प्रिय दिन माना गया है। मान्यता है कि इस दिन स्नान, पूजा, और दान करने से व्यक्ति के सभी पाप समाप्त हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। विशेष रूप से गंगा

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Kartik Purnima (कार्तिक पूर्णिमा) 2024

कार्तिक पूर्णिमा 2024 को 15 नवंबर को मनाई जाएगी। इसे हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार के रूप में माना जाता है, जो कार्तिक मास की पूर्णिमा को आता है। इस दिन को देव दीपावली और त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा का धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से विशेष महत्व है, और इसे भगवान विष्णु, भगवान शिव, और अन्य देवी-देवताओं की पूजा के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा का महत्व कार्तिक पूर्णिमा का दिन विशेष रूप से पवित्र माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन सभी नदियों का जल पवित्र हो जाता है, इसलिए इस दिन गंगा स्नान, दीपदान, और दान-पुण्य करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह दिन त्रिपुरासुर का वध करके भगवान शिव के विजय की स्मृति में भी मनाया जाता है, जिसे त्रिपुरारी पूर्णिमा कहा जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के प्रमुख अनुष्ठान गंगा स्नान: इस दिन पवित्र नदियों में

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Bhai Dooj – भाई दूज

भाई दूज भारतीय संस्कृति का एक पावन पर्व है, जो भाई-बहन के अटूट प्रेम और स्नेह का प्रतीक है। यह दीपावली के दो दिन बाद कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। रक्षाबंधन की तरह ही, भाई दूज का पर्व भी भाई-बहन के रिश्ते की सुरक्षा, स्नेह, और सदा के सहयोग को समर्पित है। भाई दूज की कथा और मान्यता भाई दूज से जुड़ी कई पौराणिक कथाएँ हैं। एक लोकप्रिय कथा के अनुसार, यमराज अपनी बहन यमुनाजी से मिलने उनके घर पहुँचे। यमुनाजी ने अपने भाई का आदर-सत्कार किया और उन्हें भोजन कराया। प्रसन्न होकर यमराज ने अपनी बहन से वरदान मांगने को कहा। यमुनाजी ने वरदान माँगा कि जिस प्रकार आज उनके भाई ने उनके घर आकर भोजन किया, उसी प्रकार हर भाई अपनी बहन के घर भोजन करे और उसकी दीर्घायु हो। तभी से भाई दूज का पर्व मनाया जाता है, और इस दिन भाई-बहन

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Govardhan Puja – गोवर्धन पूजा

गोवर्धन पूजा, जिसे अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है, दीपावली के अगले दिन मनाई जाती है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत को उठाकर ब्रजवासियों की रक्षा करने की कथा का स्मरण किया जाता है। यह पूजा भक्ति, प्रेम और प्रकृति के प्रति आभार प्रकट करने का प्रतीक मानी जाती है। गोवर्धन पूजा का मुख्य उद्देश्य यह है कि मनुष्य प्रकृति के साथ संतुलन बनाए रखे और भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति से जुड़कर जीवन में सुख-समृद्धि का अनुभव करे। गोवर्धन पूजा की कथा पुराणों के अनुसार, एक बार इंद्र देवता ने अपनी शक्ति का अहंकार दिखाने के लिए गोकुल में मूसलधार बारिश की। भगवान कृष्ण ने गोपों और ग्वालों को इस विपत्ति से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली पर उठा लिया। सभी ब्रजवासी गोवर्धन पर्वत के नीचे सुरक्षित हो गए, और इंद्रदेव का अहंकार नष्ट हो गया। तब से, गोवर्धन पर्वत और भगवान कृष्ण की

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Diwali 2024 दीवाली (Deepawali)

दीवाली, जिसे दीपावली भी कहा जाता है, भारत का सबसे महत्वपूर्ण और लोकप्रिय त्योहार है, जो अंधकार से प्रकाश की ओर और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह कार्तिक मास की अमावस्या (अक्टूबर या नवंबर) को मनाया जाता है और पांच दिवसीय उत्सव का मुख्य पर्व होता है। दीवाली के दिन लोग अपने घरों को दीपों, मोमबत्तियों, और रंगोली से सजाते हैं, माँ लक्ष्मी की पूजा करते हैं, और पटाखे जलाकर खुशी मनाते हैं। दीवाली का पौराणिक महत्व दीवाली से जुड़ी अनेक पौराणिक कथाएँ और मान्यताएँ हैं: रामायण से जुड़ी कथा: दीवाली का मुख्य कारण भगवान राम, माता सीता और भाई लक्ष्मण की 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या वापसी का उत्सव माना जाता है। अयोध्यावासियों ने उनका स्वागत दीप जलाकर किया था। महाभारत से जुड़ी कथा: एक मान्यता के अनुसार, पांडवों के 12 वर्षों के वनवास के बाद उनके स्वागत में दीप जलाए गए थे।

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धनतेरस – Dhanteras 2024

धनतेरस हिंदू धर्म में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो दीपावली के पांच दिवसीय उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है। इसे धन त्रयोदशी भी कहा जाता है, क्योंकि यह कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि (13वें दिन) को मनाया जाता है। धनतेरस का मुख्य उद्देश्य धन, स्वास्थ्य, और समृद्धि के देवता भगवान धन्वंतरि की पूजा करना होता है। इस दिन लोग अपने घरों में सुख, समृद्धि, और अच्छे स्वास्थ्य की कामना के लिए पूजा करते हैं और नई चीजें, खासकर सोना, चांदी और बर्तन, खरीदते हैं। पौराणिक कथा धनतेरस की पौराणिक कथा भगवान धन्वंतरि से जुड़ी है। मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान, भगवान धन्वंतरि अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे। वह आयुर्वेद के देवता और चिकित्सकों के भगवान माने जाते हैं, जो मनुष्यों को स्वास्थ्य और दीर्घायु का आशीर्वाद देते हैं। उनके साथ स्वर्ण और रत्न भी समुद्र मंथन से प्रकट हुए थे, इसी

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करवा चौथ (Karva Chauth): व्रत का महत्त्व, परंपराएं, और कथा

करवा चौथ भारतीय विवाहित महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे वे अपने पति की लंबी उम्र और समृद्धि के लिए रखती हैं। इस दिन महिलाएं सूर्योदय से चंद्रोदय तक निर्जला व्रत करती हैं और चंद्रमा को देखकर अपने व्रत का पारण करती हैं। यह त्योहार नारी शक्ति, प्रेम और त्याग का प्रतीक है, और कार्तिक माह की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है, जो अक्टूबर या नवंबर में पड़ता है। करवा चौथ की परंपराएं सोलह श्रृंगार: करवा चौथ के दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं। इसमें चूड़ियाँ, बिंदी, सिंदूर, मेहंदी और सुंदर वस्त्र शामिल होते हैं। यह श्रृंगार वैवाहिक जीवन के सुख-समृद्धि और नारीत्व की सुंदरता का प्रतीक है। करवा चौथ कथा: व्रत के दौरान महिलाएं करवा चौथ की कथा सुनती हैं। इस कथा में साहस, प्रेम, और नारी शक्ति की प्रेरक कहानियाँ सुनाई जाती हैं, जिससे व्रत का महत्व और गहरा हो जाता है। चंद्रोदय पर पूजा:

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Navratri 2024: A Complete Guide to Puja Vidhi and Rituals at Shri Jagannath Mandir, Thyagraj Nagar, Delhi

Navratri, the festival dedicated to the worship of Goddess Durga, is one of the most widely celebrated festivals in India. It lasts for nine nights, during which devotees engage in prayers, fasting, and cultural activities. In 2024, Navratri will be celebrated from 3rd to 12th October at Shri Jagannath Mandir, Thyagraj Nagar, Delhi, with grandeur and devotion. This article provides a detailed insight into the Navratri Puja Vidhi, rituals, and the spiritual significance of each day of the festival. Significance of Navratri Navratri holds immense importance in Hinduism as it symbolizes the victory of good over evil. The festival is dedicated to Goddess Durga, who fought and defeated the demon Mahishasura. Each day of Navratri is associated with a different form of Goddess Durga, and devotees worship these forms for blessings, protection, and the removal of obstacles. Shri Jagannath Mandir in Thyagraj Nagar, Delhi, is known for its vibrant and

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