भारत विविधता में एकता का प्रतीक है और यहां के त्योहार इसकी जीवंत मिसाल हैं। उन्हीं में से एक है पणा संक्रांति, जो विशेष रूप से ओडिशा में मनाया जाने वाला पारंपरिक पर्व है। यह त्योहार न केवल मौसम के बदलाव को दर्शाता है, बल्कि नई ऊर्जा, उर्वरता और धर्म के प्रति आस्था का प्रतीक भी है।
श्री जगन्नाथ मंदिर, थायगराज नगर, नई दिल्ली में इस वर्ष पणा संक्रांति को भव्य रूप से मनाया जा रहा है। यह मंदिर दिल्ली में ओड़िया संस्कृति का मुख्य केंद्र है, जहां हर साल यह पर्व श्रद्धा, भक्ति और उत्साह से भरा होता है।
🌞 पणा संक्रांति क्या है?
पणा संक्रांति, जिसे ओडिशा में ‘महाविषुब संक्रांति’ भी कहा जाता है, सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करने के अवसर पर मनाई जाती है। यह भारतीय नववर्ष की शुरुआत मानी जाती है और मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में गर्मी के आगमन को दर्शाता है।
‘पणा’ शब्द का अर्थ है – एक ठंडा पेय। इस दिन विशेष रूप से बेल, आम, दही, गुड़ और पानी से बना एक पारंपरिक पेय तैयार किया जाता है जिसे ‘पणा’ कहा जाता है। इस पेय को लोगों में वितरित कर गर्मी में राहत प्रदान करने की परंपरा है।
🛕 श्री जगन्नाथ मंदिर, दिल्ली में पणा संक्रांति का आयोजन
इस वर्ष 14 अप्रैल 2025 को श्री जगन्नाथ मंदिर में पणा संक्रांति पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। साथ ही इसी दिन हनुमान जयंती भी है, जिससे यह दिन और भी पावन बन जाता है।
🔔 कार्यक्रम का विवरण:
क्र. | कार्यक्रम | समय |
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1 | पणा संक्रांति हवन पूजा | सुबह 9:30 से 10:30 तक |
2 | हनुमान जयंती एवं सुंदर कांड पाठ, आरती | शाम 5:00 से 6:45 तक |
मंदिर में दिन की शुरुआत हवन पूजा से होगी, जिसमें यज्ञ के माध्यम से सूर्य देवता और पंचतत्वों की आराधना की जाएगी। हवन के बाद श्रद्धालुओं को पणा वितरित की जाएगी।
शाम को हनुमान जयंती के अवसर पर सुंदर कांड का पाठ और विशेष आरती का आयोजन किया जाएगा।
🙏 पणा संक्रांति का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व
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नववर्ष की शुरुआत – यह दिन ओड़िया नववर्ष की शुरुआत को चिह्नित करता है और नए संकल्प लेने का अवसर प्रदान करता है।
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दान-पुण्य का दिन – इस दिन विशेष रूप से जल पिलाना, पेय वितरित करना, छाया की व्यवस्था करना आदि पुण्य कर्म माने जाते हैं।
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ऊर्जा का संतुलन – हवन और पूजा से वातावरण को शुद्ध किया जाता है, जिससे गर्मी में रोगों की संभावना कम होती है।
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सामाजिक समरसता – सभी धर्मों और वर्गों के लोग मिलकर पणा पीते हैं, जिससे भाईचारे की भावना प्रबल होती है।
🍹 पणा पेय: पारंपरिक ठंडा पेय
‘पणा’ एक स्वादिष्ट और शीतल पेय है, जिसे बेल का गूदा, आम का गूदा, दही, गुड़, काली मिर्च, इलायची और पानी मिलाकर तैयार किया जाता है। इसे प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है। यह शरीर को गर्मी से राहत देने वाला, पाचन में सहायक और ऊर्जा से भरपूर होता है।
🙌 हनुमान जयंती का संगम
पणा संक्रांति के दिन हनुमान जयंती भी है। श्री हनुमान जी को समर्पित यह दिन शक्ति, भक्ति और सेवा भावना को समर्पित होता है। श्री जगन्नाथ मंदिर में शाम को सुंदर कांड पाठ और आरती के दौरान विशेष रूप से हनुमान जी की पूजा-अर्चना की जाएगी।
📍 मंदिर स्थान और संपर्क जानकारी
स्थान:
Shri Jagannath Mandir,
Shri Jagannath Marg, Thyagraj Nagar,
Near Safdarjung Bus Terminal, New Delhi – 110003
संपर्क:
📞 9319 04 5850
🌐 www.shrijagannathmandirdelhi.in
📷 मंदिर की भव्यता और आयोजन की छवि
मंदिर की भव्यता और रंग-बिरंगे आयोजन की झलकियों को देखकर श्रद्धालु उत्साहित हो जाते हैं। मंदिर परिसर को रंगोली, आम्रपत्र, फूलों और पारंपरिक सजावटी वस्तुओं से सजाया जाता है। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हर कोई इस कार्यक्रम का हिस्सा बनता है।
🙏 आप क्यों आएं इस आयोजन में?
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ओड़िया संस्कृति और परंपरा को जानने का अवसर
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धार्मिक माहौल में मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव
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गर्मी में ठंडक देने वाला विशेष पेय ‘पणा’ का प्रसाद
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सुंदरकांड पाठ से भक्ति और आस्था की गहराई
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पारिवारिक माहौल में एक साथ पूजा का अनुभव
🤝 आयोजन में भाग लेने के लिए सुझाव:
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समय पर पहुंचें (सुबह 9:15 तक और शाम 4:45 तक)
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पारंपरिक वस्त्र पहनें ताकि वातावरण की पवित्रता बनी रहे
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मंदिर परिसर में स्वच्छता बनाए रखें
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पणा वितरण में सहयोग करें या दान करें
📌 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
❓ पणा संक्रांति क्या है?
उत्तर: पणा संक्रांति सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करने पर मनाया जाने वाला पर्व है, जो गर्मी की शुरुआत और नववर्ष को चिह्नित करता है। इसे ओडिशा में पारंपरिक रूप से मनाया जाता है।
❓ पणा क्या होता है?
उत्तर: पणा एक ठंडा पेय है जो बेल, आम, दही, गुड़ और पानी से तैयार किया जाता है। यह गर्मी में शरीर को ठंडक देने और ऊर्जा प्रदान करने के लिए प्रसाद रूप में वितरित किया जाता है।
❓ इस आयोजन में कैसे भाग लें?
उत्तर: आयोजन में भाग लेने के लिए आप सीधे मंदिर में 14 अप्रैल 2025 को सुबह 9:30 या शाम 5:00 बजे पहुंच सकते हैं। कोई पूर्व पंजीकरण आवश्यक नहीं है।
❓ क्या यहां अन्य भाषाओं में पूजा होती है?
उत्तर: मुख्य पूजा ओड़िया में होती है, लेकिन हिंदी में भी अनुवाद व व्याख्या की जाती है ताकि सभी श्रद्धालु समझ सकें।
❓ क्या कार्यक्रम में बच्चों और परिवार के साथ आ सकते हैं?
उत्तर: जी हां, यह एक पारिवारिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जिसमें सभी आयु वर्ग के लोग भाग ले सकते हैं।
✨ निष्कर्ष
पणा संक्रांति केवल एक पर्व नहीं, बल्कि एक संपूर्ण अनुभव है — परंपरा, स्वास्थ्य, और भक्ति का संगम। दिल्ली के हृदय स्थल में स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर, थायगराज नगर इस अवसर को और भी विशेष बना देता है।
तो आइए, 14 अप्रैल 2025 को इस शुभ अवसर पर मंदिर पधारें और इस पारंपरिक ओड़िया पर्व का हिस्सा बनें।