
Sri Ganesh Chaturthi
गणेश चतुर्थी 2025: त्यागराज नगर स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर में विशेष उत्सव
भारत त्योहारों का देश है, जहां हर पर्व प्रेम, भक्ति और उत्साह से मनाया जाता है। इन्हीं में से एक है गणेश चतुर्थी, जिसे देश के अलग-अलग हिस्सों में अत्यंत धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन को विशेष बनाने के लिए दिल्ली के त्यागराज नगर स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर में भी हर वर्ष भव्य आयोजन होते हैं। यहाँ न केवल भगवान गणेश की पूजा होती है, बल्कि ओडिशा की पारंपरिक संस्कृति, भक्ति गीत, और सुंदर सजावट का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।
गणेश चतुर्थी का महत्व
गणेश चतुर्थी, जिसे विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है, भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है।
मान्यता है कि इस दिन भगवान गणेश धरती पर अपने भक्तों के बीच आते हैं और उनके दुख, विघ्न और बाधाओं को दूर करते हैं।
गणपति बप्पा को "विघ्नहर्ता" और "मंगलकर्ता" कहा जाता है, यानी जो बुराइयों को दूर कर सुख-समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करते हैं।
श्री जगन्नाथ मंदिर, त्यागराज नगर में गणेश चतुर्थी
त्यागराज नगर स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर अपनी भव्यता, शुद्ध वातावरण और ओडिशा की सांस्कृतिक झलक के लिए जाना जाता है। यहाँ गणेश चतुर्थी का पर्व आध्यात्मिक उल्लास के साथ मनाया जाता है।
इस दिन मंदिर में विशेष गणेश पूजा, मंत्रोच्चार, भजन संध्या और प्रसाद वितरण होता है। भक्त सुबह से ही भगवान के दर्शन के लिए उमड़ पड़ते हैं। मंदिर में फूलों, दीपों और रंगोली से सजावट होती है, जो एक दिव्य वातावरण का निर्माण करती है।
त्योहार के दौरान होने वाले विशेष आयोजन
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मंगल कलश स्थापना और गणेश मूर्ति सजावट – सुबह विधिवत पूजन के साथ कलश स्थापना की जाती है और गणेश जी की मूर्ति को सुंदर फूलों से सजाया जाता है।
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मंत्रोच्चार और वेद पाठ – ओडिया और संस्कृत में विशेष श्लोकों का उच्चारण किया जाता है।
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भजन एवं कीर्तन – स्थानीय और बाहर से आए कलाकार भक्ति गीत प्रस्तुत करते हैं।
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अन्नदान और महाप्रसाद – पूजा के बाद सभी भक्तों को स्वादिष्ट महाप्रसाद वितरित किया जाता है।
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संस्कृतिक कार्यक्रम – ओडिशा के लोकनृत्य, गीत और नाटक प्रस्तुत किए जाते हैं।
गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है?
मान्यता है कि माता पार्वती ने अपने शरीर के उबटन से गणेश जी को बनाया और उन्हें द्वार पर पहरा देने को कहा।
जब भगवान शिव घर लौटे, तो गणेश जी ने उन्हें अंदर जाने से रोका। क्रोधित होकर शिवजी ने उनका मस्तक काट दिया।
माता पार्वती के दुख को देखकर शिवजी ने गणेश जी को हाथी का सिर देकर पुनर्जीवित किया और उन्हें प्रथम पूज्य देव का आशीर्वाद दिया।
तभी से किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत भगवान गणेश के पूजन से होती है।
श्री जगन्नाथ मंदिर, त्यागराज नगर का विशेष आकर्षण
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ओडिशा की कला और वास्तुकला से प्रेरित भव्य मंदिर संरचना।
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पूरे वर्ष धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम।
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महाप्रसाद का स्वाद, जो ओडिया रसोई की खुशबू लिए होता है।
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भक्तों के लिए निःशुल्क दर्शन और सेवाएं।
गणेश चतुर्थी पर विशेष मंत्र
गणेश चतुर्थी के दिन इस मंत्र का जाप करने से विघ्न दूर होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है –
॥ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ ॥
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥
त्यागराज नगर स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर में आने का आमंत्रण
यदि आप दिल्ली में रहते हैं या आसपास के क्षेत्र से हैं, तो इस गणेश चतुर्थी पर त्यागराज नगर स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर जरूर आएं।
यहां आपको न केवल भगवान गणेश के दर्शन होंगे, बल्कि ओडिशा की सांस्कृतिक विरासत का अद्भुत अनुभव मिलेगा।
FAQs – गणेश चतुर्थी और श्री जगन्नाथ मंदिर त्यागराज नगर
प्र.1: गणेश चतुर्थी 2025 कब है?
उ. 27 अगस्त 2025, बुधवार को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी।
प्र.2: श्री जगन्नाथ मंदिर, त्यागराज नगर में गणेश चतुर्थी कैसे मनाई जाती है?
उ. सुबह से पूजा, मंत्रोच्चार, भजन-कीर्तन, महाप्रसाद और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं।
प्र.3: क्या मंदिर में प्रवेश निःशुल्क है?
उ. हाँ, सभी भक्तों के लिए प्रवेश निःशुल्क है।
प्र.4: गणेश चतुर्थी पर कौन सा मंत्र जाप करना चाहिए?
उ. "वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ..." मंत्र का जाप करें।
प्र.5: क्या यहां महाप्रसाद मिलता है?
उ. हाँ, पूजा के बाद सभी भक्तों को महाप्रसाद वितरित किया जाता है।
गणेश चतुर्थी न केवल भगवान गणेश के जन्मोत्सव का पर्व है, बल्कि यह एक ऐसा अवसर है जब भक्ति, संस्कृति और समाज एक साथ जुड़ते हैं।
यदि आप इस वर्ष एक दिव्य और सांस्कृतिक अनुभव चाहते हैं, तो श्री जगन्नाथ मंदिर, त्यागराज नगर, दिल्ली में इस पावन पर्व को मनाने का अवसर जरूर लें।