Saptapuri Amabasya
🌑 सप्तपुरी अमावस्या 2025 – तिथि, महत्व और श्री जगन्नाथ मंदिर त्यागराज नगर में विशेष आयोजन
भारतीय संस्कृति में अमावस्या का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। वर्षभर में आने वाली सभी अमावस्याओं में से सप्तपुरी अमावस्या का स्थान बेहद पवित्र माना जाता है। इस दिन सात पवित्र नगरों (अयोध्या, मथुरा, माया, काशी, कांची, अवंती, द्वारका) की स्मृति और उनके देवताओं का पूजन करने की परंपरा है।
23 अगस्त 2025 को पड़ने वाली सप्तपुरी अमावस्या पर देशभर के मंदिरों में विशेष अनुष्ठान होंगे, और दिल्ली स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर, त्यागराज नगर में भी भक्तगण बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ पूजा-अर्चना करेंगे।
📜 सप्तपुरी अमावस्या का महत्व
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पितृ तर्पण और मोक्ष प्राप्ति – इस दिन पितरों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए तर्पण एवं श्राद्ध किया जाता है।
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सात पवित्र नगरों का पूजन – अयोध्या (श्रीराम), मथुरा (श्रीकृष्ण), माया/हरिद्वार (गंगा जी), काशी (महादेव), कांची (कमाक्षी), अवंती/उज्जैन (महाकाल), द्वारका (श्रीकृष्ण) के देवताओं का स्मरण और पूजन।
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धन, स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि – मान्यता है कि इस दिन पूजा करने से जीवन में समृद्धि और परिवार में खुशहाली आती है।
🛕 श्री जगन्नाथ मंदिर, त्यागराज नगर (दिल्ली) में विशेष आयोजन
दिल्ली का श्री जगन्नाथ मंदिर, त्यागराज नगर इस दिन विशेष रूप से सजाया जाएगा।
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सुबह – मंगला आरती, स्नान-पूजन और सप्तपुरी पूजन
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दोपहर – महाप्रसाद वितरण
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शाम – दीपदान, हरिनाम संकीर्तन और भक्तों के लिए विशेष प्रवचन
यहां की विशेषता है कि महाप्रभु जगन्नाथ का पूजन भक्त-भाव के आधार पर किया जाता है और माना जाता है कि वे सबसे आसानी से प्रसन्न होने वाले भगवान हैं।
🕉 सप्तपुरी अमावस्या पूजा विधि
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सुबह स्नान कर पवित्र वस्त्र धारण करें।
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घर या मंदिर में भगवान विष्णु, शिव और सप्तपुरी देवताओं की प्रतिमा/चित्र स्थापित करें।
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गंगाजल, फूल, धूप, दीप, फल, मिठाई से पूजन करें।
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पितरों के लिए तर्पण करें।
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मंदिर में दर्शन कर दान-पुण्य करें।
📖 सप्तपुरी अमावस्या का मंत्र
पूजन के समय इस मंत्र का जाप विशेष फलदायी माना जाता है—
"ॐ नमो भगवते वासुदेवाय"
और
"ॐ नमः शिवाय"
दोनों मंत्रों का 108 बार जाप करें।
❓ FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1. सप्तपुरी अमावस्या क्या है?
यह एक विशेष अमावस्या है, जिसमें सात पवित्र नगरों और उनके देवताओं की पूजा की जाती है।
Q2. इस दिन कौन-से कार्य शुभ माने जाते हैं?
पितृ तर्पण, दान-पुण्य, देवपूजन, और गंगा स्नान।
Q3. श्री जगन्नाथ मंदिर, त्यागराज नगर में क्या खास है?
यहां पर महाप्रभु जगन्नाथ का पूजन, महाप्रसाद, और भक्ति संगीत के साथ दिव्य वातावरण में पूजा होती है।
Q4. क्या उपवास करना आवश्यक है?
हाँ, कई भक्त इस दिन उपवास रखते हैं, लेकिन यह अनिवार्य नहीं है।
23 अगस्त 2025 की सप्तपुरी अमावस्या का महत्व सिर्फ धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि यह आत्मिक शांति और पितृ मोक्ष के लिए भी अत्यंत शुभ मानी जाती है।
दिल्लीवासियों के लिए यह अवसर है कि वे श्री जगन्नाथ मंदिर, त्यागराज नगर पहुंचकर महाप्रभु के दर्शन करें और इस पावन दिन का लाभ उठाएं।








