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Events / Rituals

Shri Jagannath Mandir, Thyagraj Nagar, Delhi
Nuakhai
28/08/2025
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Nuakhai

नुआखाई पर्व 2025 – नई फसल का उत्सव

भारत की विविधताओं में एक खास स्थान रखता है ओडिशा का पारंपरिक पर्व नुआखाई। यह त्योहार नई फसल के स्वागत और प्रकृति के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का पर्व है। वर्ष 2025 में नुआखाई का उत्सव 28 अगस्त को मनाया जाएगा। यह दिन खासतौर पर पश्चिमी ओडिशा के जिलों और प्रवासी ओडिया समाज के लिए हर्षोल्लास का अवसर होता है।

"ନୂଆଖାଇ, ନୂଆଁ ଖାଇବାରୁ, ନୂଆଁ ଦିଆ" — अर्थात "नया खाना, नए अन्न को ईश्वर को अर्पण कर फिर परिवार के साथ मिलकर ग्रहण करना"।

नुआखाई का महत्व

नुआखाई सिर्फ कृषि पर्व नहीं, बल्कि यह सामाजिक और पारिवारिक एकता का प्रतीक है। किसान अपने परिश्रम से प्राप्त पहली फसल को भगवान को अर्पित कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। यह त्योहार प्रकृति, धरती और अन्नदाता के प्रति सम्मान की भावना को बढ़ाता है।

Jagannath Mandir Tyagraj Nagar, Delhi में नुआखाई

दिल्ली में बसे ओडिया समाज के लिए Jagannath Mandir, Tyagraj Nagar नुआखाई उत्सव का केंद्र है। यहाँ हर वर्ष बड़ी श्रद्धा और धूमधाम से यह पर्व मनाया जाता है।

  • विशेष पूजा और भोग – भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा को नई फसल से बने व्यंजन अर्पित किए जाते हैं।

  • भोग वितरण – भक्तगण प्रसाद के रूप में नुआ (नई चावल) और दाल का स्वाद लेते हैं।

  • सांस्कृतिक कार्यक्रम – ओड़िया लोकगीत, नृत्य और पारंपरिक वाद्ययंत्रों की धुन पूरे वातावरण को आनंदमय बना देती है।

नुआखाई की परंपराएँ

  1. नुआ दान – नई फसल को सबसे पहले भगवान को अर्पित करना।

  2. घर पर पूजन – हर घर में माता लक्ष्मी और कुलदेवता की पूजा।

  3. पारिवारिक भोज – पूरे परिवार का साथ बैठकर भोजन करना।

  4. सामाजिक मिलन – बुजुर्गों का आशीर्वाद लेना और रिश्तेदारों से मिलना।


ओड़िया में नुआखाई का भाव

"ନୂଆଖାଇ ପର୍ବ ପରିବାର, ସମାଜ ଓ ପ୍ରକୃତିକୁ ଏକତାରେ ବାନ୍ଧେ।"
(नुआखाई पर्व परिवार, समाज और प्रकृति को एकता में बाँधता है।)


नुआखाई मंत्र

नुआखाई के अवसर पर भगवान जगन्नाथ को अर्पित करते समय भक्त यह प्रार्थना कर सकते हैं –

"ଓମ୍ ଶ୍ରୀ ଜଗନ୍ନାଥାୟ ନମଃ।
ନୂଆ ଅନ୍ନମ୍ ସମର୍ପୟାମି।"

क्यों मनाते हैं नुआखाई?

  • यह त्योहार किसानों के परिश्रम का सम्मान करता है।

  • प्रकृति और धरती माता के प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर है।

  • नई फसल खाने से पहले ईश्वर को अर्पित करने की परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही है।

FAQs – नुआखाई 2025

Q1: नुआखाई किस राज्य का प्रमुख त्योहार है?
ओडिशा, खासतौर पर पश्चिमी ओडिशा का प्रमुख त्योहार है।

Q2: नुआखाई का मुख्य उद्देश्य क्या है?
नई फसल को भगवान को अर्पित कर प्रकृति और अन्नदाता का सम्मान करना।

Q3: Jagannath Mandir Tyagraj Nagar में क्या विशेष होता है?
यहाँ विशेष पूजा, भोग, और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं जिसमें दिल्ली का ओड़िया समाज बड़ी संख्या में भाग लेता है।

Q4: नुआखाई का मतलब क्या है?
"नुआ" मतलब नया और "खाई" मतलब खाना — यानी नई फसल का भोजन।

Q5: 2025 में नुआखाई कब है?
28 अगस्त 2025 को।

नुआखाई केवल एक पर्व नहीं बल्कि ओडिया संस्कृति की आत्मा है, जो हमें अपनी जड़ों और परंपराओं से जोड़ता है। दिल्ली में रहने वाले ओडिया समुदाय के लिए Jagannath Mandir Tyagraj Nagar इस पर्व को घर जैसा माहौल देता है। यदि आप इस संस्कृति का आनंद लेना चाहते हैं, तो इस वर्ष नुआखाई के अवसर पर मंदिर अवश्य आएँ।

Shri Jagannath Mandir & Odisha Arts & Cultural Centre is a Non Profit and Non Political registered Society having the objective of promotion of Classical dances of Indian including Odishi and Social Welfare related activities like helping the deprived section of society by way of organising medical health check-up camps, feeding the poor and needy children, helping the poor patients etc, besides arranging rituals activities of the Mandir.

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AT SHRI JAGANNATH MANDIR, THYAGRAJ NAGAR, DELHI

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