Bhagbat Janma & Chandra Grahan
🌸 भगवत जन्म एवं चंद्र ग्रहण – 7 सितम्बर 2025 🌸
श्री जगन्नाथ मंदिर, त्यागराज नगर, दिल्ली में विशेष आयोजन
7 सितम्बर 2025 का दिन आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन दो पावन घटनाएँ घटित होंगी — भगवत जन्म और चंद्र ग्रहण। यह दिन भगवान श्रीकृष्ण के अवतार और खगोलीय घटना का अद्भुत संगम लेकर आएगा।
भगवत जन्म का महत्व
"भगवत जन्म" का अर्थ है भगवान के अवतार का उत्सव। हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के अवतार विशेष महत्त्व रखते हैं। यह दिन श्रद्धा, भक्ति और आनंद से मनाया जाता है। भक्तजन उपवास रखते हैं, मंदिरों में कीर्तन और भजन होते हैं, और भगवान के दिव्य स्वरूप का स्मरण किया जाता है।
श्री जगन्नाथ जी स्वयं भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं। इसलिए उनके मंदिर में भगवत जन्म का उत्सव विशेष भक्ति और उल्लास के साथ मनाया जाता है।
चंद्र ग्रहण का धार्मिक पक्ष
7 सितम्बर 2025 को चंद्र ग्रहण भी लगेगा। हिंदू मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के समय भगवान के नाम का जाप, मंत्रोच्चार और ध्यान विशेष फलदायी होते हैं। ग्रहण के बाद गंगा स्नान, दान और पुनः पूजा का विधान है।
श्री जगन्नाथ मंदिर, त्यागराज नगर, दिल्ली में आयोजन
इस पावन अवसर पर श्री जगन्नाथ मंदिर, त्यागराज नगर, दिल्ली में दिन भर विशेष अनुष्ठान होंगे —
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मंगल आरती एवं विशेष पूजा
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भजन-कीर्तन एवं कथा वाचन
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ग्रहण के समय मंत्र जाप एवं ध्यान
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ग्रहण मोक्ष के बाद महाप्रसाद वितरण
भक्तजन दूर-दूर से आकर इस पावन उत्सव का हिस्सा बनेंगे और भगवान के चरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित करेंगे।
ओड़िया भाषा में श्रद्धा का संदेश
"ଜଗନ୍ନାଥଙ୍କ କୃପା ସଦା ଭକ୍ତମାନଙ୍କ ସହିତ ରହେ। ଏହି ପବିତ୍ର ଦିନରେ ମହାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଦର୍ଶନ କରିବାର ସୁଯୋଗ ହାତଛାଡ଼ କରନ୍ତୁ ନାହିଁ।"
(जगन्नाथ जी की कृपा सदा भक्तों के साथ रहती है। इस पवित्र दिन पर महाप्रभु के दर्शन करने का अवसर न चूकें।)
मंत्र जाप का महत्व
ग्रहण काल में और भगवत जन्म के दिन निम्न मंत्र का जाप विशेष फल देता है —
"ॐ नमो भगवते वासुदेवाय"
इस मंत्र का निरंतर जाप मन, शरीर और आत्मा को शुद्ध करता है और भगवान के आशीर्वाद से जीवन में सुख-शांति आती है।
FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1: भगवत जन्म किसे कहते हैं?
भगवत जन्म का अर्थ है भगवान विष्णु के अवतार का उत्सव, जैसे श्रीकृष्ण जन्माष्टमी।
Q2: चंद्र ग्रहण के समय क्या करना चाहिए?
ग्रहण के समय स्नान, मंत्र जाप और ध्यान करना चाहिए। ग्रहण के बाद पुनः स्नान कर दान-पुण्य करना श्रेष्ठ माना जाता है।
Q3: क्या ग्रहण के समय मंदिर खुले रहते हैं?
ग्रहण के समय सामान्यतः मंदिर के गर्भगृह के द्वार बंद रहते हैं और ग्रहण मोक्ष के बाद पुनः पूजा आरंभ होती है।
Q4: इस दिन श्री जगन्नाथ मंदिर त्यागराज नगर में क्या विशेष होगा?
मंदिर में विशेष पूजा, भजन-कीर्तन, ग्रहण काल मंत्र जाप और महाप्रसाद वितरण होगा।
भक्तों के लिए आमंत्रण
7 सितम्बर 2025 को आप अपने परिवार और मित्रों के साथ श्री जगन्नाथ मंदिर, त्यागराज नगर, दिल्ली जरूर पधारें।
भगवान के जन्मोत्सव और खगोलीय घटना के इस पावन संगम में शामिल होकर अपने जीवन को आध्यात्मिक आनंद से भरें।








