The Oldest Shri Jagannath Mandir in Delhi & NCR - Since 1968

धनतेरस – Dhanteras 2024

धनतेरस हिंदू धर्म में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो दीपावली के पांच दिवसीय उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है। इसे धन त्रयोदशी भी कहा जाता है, क्योंकि यह कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि (13वें दिन) को मनाया जाता है। धनतेरस का मुख्य उद्देश्य धन, स्वास्थ्य, और समृद्धि के देवता भगवान धन्वंतरि की पूजा करना होता है। इस दिन लोग अपने घरों में सुख, समृद्धि, और अच्छे स्वास्थ्य की कामना के लिए पूजा करते हैं और नई चीजें, खासकर सोना, चांदी और बर्तन, खरीदते हैं।

पौराणिक कथा

धनतेरस की पौराणिक कथा भगवान धन्वंतरि से जुड़ी है। मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान, भगवान धन्वंतरि अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे। वह आयुर्वेद के देवता और चिकित्सकों के भगवान माने जाते हैं, जो मनुष्यों को स्वास्थ्य और दीर्घायु का आशीर्वाद देते हैं। उनके साथ स्वर्ण और रत्न भी समुद्र मंथन से प्रकट हुए थे, इसी कारण धनतेरस के दिन सोना और चांदी खरीदने की परंपरा है। एक और प्रसिद्ध कथा है राजा हिमा की, जिनके बेटे की मृत्यु की भविष्यवाणी 16 साल की उम्र में की गई थी। भविष्यवाणी के अनुसार, उसकी मृत्यु सांप के काटने से होनी थी, लेकिन उसकी पत्नी ने उसे बचा लिया। उसने धनतेरस की रात को अपने घर के दरवाजे पर ढेर सारे सोने और चांदी के सिक्के रखे और दीप जलाए। जब यमराज सांप के रूप में आए, तो वह सोने-चांदी और दीपों की चमक से विचलित हो गए और लौट गए। तब से धनतेरस को यमराज की पूजा और घर की समृद्धि के लिए दीप जलाने का दिन भी माना जाता है।

पूजा विधि

धनतेरस के दिन लोग भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी, और यमराज की पूजा करते हैं। इस दिन स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना की जाती है। पूजा विधि इस प्रकार है:
  1. सफाई: सबसे पहले घर की अच्छी तरह से सफाई की जाती है, विशेषकर मुख्य द्वार की। इसे समृद्धि का प्रवेश द्वार माना जाता है।
  2. दीप जलाना: घर के प्रत्येक कोने में दीप जलाए जाते हैं, जिससे नकारात्मक ऊर्जा दूर हो और सकारात्मक ऊर्जा का वास हो।
  3. धन्वंतरि पूजन: भगवान धन्वंतरि की प्रतिमा के सामने दीप, धूप, पुष्प, और नैवेद्य अर्पित किए जाते हैं। इसके साथ ही भगवान कुबेर और माता लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है।
  4. खरीदारी: धनतेरस पर सोना, चांदी, बर्तन, या कोई अन्य मूल्यवान वस्तु खरीदने की परंपरा है। यह शुभ माना जाता है और इससे घर में समृद्धि आती है।
  5. नैवेद्य: पूजा के बाद मिठाइयाँ, फल, और अन्य प्रसाद चढ़ाया जाता है, जिसे बाद में परिवार और पड़ोसियों में बांटा जाता है।

खरीदारी की परंपरा

धनतेरस पर नई वस्तुओं की खरीदारी का विशेष महत्व है। इस दिन लोग सोना, चांदी, बर्तन, और इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदते हैं। इसे घर में समृद्धि और अच्छा भाग्य लाने वाला माना जाता है। बर्तन खरीदने की परंपरा विशेष रूप से प्रसिद्ध है, क्योंकि यह स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

आरोग्य और समृद्धि का संदेश

धनतेरस का त्योहार न केवल आर्थिक समृद्धि के लिए है, बल्कि यह स्वास्थ्य और कल्याण का भी प्रतीक है। भगवान धन्वंतरि के रूप में इस दिन आयुर्वेद और चिकित्सा विज्ञान की भी पूजा की जाती है। धनतेरस हमें याद दिलाता है कि सच्चा धन सिर्फ भौतिक सुख-सुविधाओं में नहीं, बल्कि स्वास्थ्य और परिवार के साथ खुशहाल जीवन जीने में है।

निष्कर्ष

धनतेरस भारतीय संस्कृति में सुख-समृद्धि और आरोग्य का प्रतीक है। इस दिन की गई पूजा और शुभ कार्य न केवल आर्थिक समृद्धि बल्कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अनुकूल माने जाते हैं। धनतेरस के दिन अपने परिवार के साथ पूजा और खरीदारी करके हम माँ लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं, जो हमारे जीवन में सुख-समृद्धि और शांति लाते हैं।

धनतेरस से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) नीचे दिए गए हैं:

1. धनतेरस क्या है?

  • धनतेरस हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। यह दीपावली उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है और इसे स्वास्थ्य, समृद्धि और धन की प्राप्ति के लिए मनाया जाता है।

2. धनतेरस पर क्या खरीदना शुभ माना जाता है?

  • इस दिन सोना, चांदी, आभूषण, और बर्तन खरीदना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इसे घर में समृद्धि और सौभाग्य लाने का प्रतीक माना जाता है।

3. क्या धनतेरस पर कोई विशेष पूजा की जाती है?

  • हाँ, धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी, और भगवान कुबेर की पूजा की जाती है। विशेष दीप जलाकर यमराज का पूजन भी किया जाता है।

4. धनतेरस का समय क्यों महत्वपूर्ण है?

  • धनतेरस पर पूजा और खरीदारी का शुभ मुहूर्त समय बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। शुभ समय में पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है।

5. क्या श्री जगन्नाथ मंदिर, त्यागराज नगर, दिल्ली में धनतेरस पर विशेष पूजा होती है?

  • हाँ, श्री जगन्नाथ मंदिर, त्यागराज नगर, दिल्ली में धनतेरस के दिन विशेष पूजा और आयोजन होते हैं। भगवान धन्वंतरि, माँ लक्ष्मी, और भगवान जगन्नाथ की विशेष पूजा के लिए भक्त मंदिर में एकत्र होते हैं।

6. क्या धनतेरस पर यमराज के लिए दीप जलाना जरूरी है?

  • जी हाँ, परंपरा के अनुसार धनतेरस पर यमराज के लिए दीप जलाने से परिवार की रक्षा और दीर्घायु की प्राप्ति होती है।

7. धनतेरस पर किस प्रकार के प्रसाद का भोग लगाया जाता है?

  • धनतेरस पर मिठाई, फल, खीर, और अन्य शुभ पदार्थों का भोग लगाया जाता है। श्री जगन्नाथ मंदिर में विशेष भोग की व्यवस्था की जाती है, जिसमें सभी भक्त प्रसाद ग्रहण कर सकते हैं।

8. धनतेरस का त्योहार कहाँ-कहाँ मनाया जाता है?

  • धनतेरस भारत के सभी हिस्सों में विशेष रूप से मनाया जाता है। श्री जगन्नाथ मंदिर जैसे प्रमुख मंदिरों में यह त्योहार भक्तिभाव और विशेष आयोजनों के साथ मनाया जाता है।

9. धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि की पूजा का क्या महत्व है?

  • भगवान धन्वंतरि को चिकित्सा और आयुर्वेद के देवता माना जाता है। उनकी पूजा से स्वास्थ्य और दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है।

10. धनतेरस पर पूजा के दौरान कौन से मंत्रों का उच्चारण किया जाता है?

  • भगवान धन्वंतरि के लिए “ॐ नमो भगवते धन्वंतरये” का जाप किया जाता है। साथ ही, माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर के मंत्र भी पढ़े जाते हैं।

धनतेरस के इन प्रश्नों का उत्तर आपके इस त्योहार को और भी सार्थक और भव्य बनाने में मदद करेगा।

Share this post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Shri Jagannath Mandir & Odisha Arts & Cultural Centre is a Non Profit and Non Political registered Society having the objective of promotion of Classical dances of Indian including Odishi and Social Welfare related activities like helping the deprived section of society by way of organising medical health check-up camps, feeding the poor and needy children, helping the poor patients etc, besides arranging rituals activities of the Mandir.

We are under 80 G & 12 A ( Income Tax Act) , You can donate and get benefit in income tax.

Anubhav Mohanty & Jagrati Shukla’s Wedding

AT SHRI JAGANNATH MANDIR, THYAGRAJ NAGAR, DELHI

Related Posts
Niladri Bije Tyagaraj Nagar 2025: Lord Jagannath's grand homecoming.

नीलाद्री बिजे 2025: रथ यात्रा का भव्य समापन – जब भगवान जगन्नाथ अपने धाम लौटते हैं, और रूठी प्रिया को मनाते हैं!

नीलाद्री बिजे त्यागराज नगर: आस्था, प्रेम और मिलन का ये अद्वितीय पर्व! एक महीने से अधिक समय तक चला प्रतीक्षा का सफर, दस दिनों की

Read More »
Social Media Updates