तिथि: 04 अगस्त 2025 से 10 अगस्त 2025
समय: शाम 07:30 बजे से रात 09:00 बजे तक
स्थान: श्री जगन्नाथ मंदिर, थायागराज नगर, नई दिल्ली
झूलन पूर्णिमा: एक अनुपम भक्तिमय उत्सव
झूलन पूर्णिमा, जिसे झूलन यात्रा या हिंडोला उत्सव भी कहा जाता है, भगवान श्रीकृष्ण और देवी राधा को समर्पित एक पवित्र पर्व है। यह उत्सव मुख्य रूप से श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया से लेकर पूर्णिमा तक मनाया जाता है और भारत में विशेषकर मथुरा, वृंदावन, पुरी और दिल्ली के मंदिरों में बहुत ही श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है।
इस वर्ष, श्री जगन्नाथ मंदिर, थायागराज नगर, दिल्ली में भी यह दिव्य उत्सव 7 दिनों तक चलेगा, जिसमें झूला सजाया जाएगा, भगवान को झुलाया जाएगा, और प्रतिदिन संगीतमय संध्या व भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। भक्तगण इस भव्य आयोजन में सम्मिलित होकर भक्ति, प्रेम और आनंद की अनुभूति करेंगे।
🌧️ मानसून में प्रेम का उत्सव
श्रावण मास, भारत में मानसून का समय होता है – जब वातावरण में हरियाली, ठंडी हवाएं और रोमांटिक फिज़ा होती है। यही कारण है कि इस मौसम में राधा-कृष्ण के प्रेम का उत्सव मनाना एक आत्मिक अनुभव बन जाता है।
झूलन यात्रा का प्रमुख उद्देश्य भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी की झूले पर झुलाने की परंपरा को जीवंत रखना है। मंदिरों में विशेष सजावट होती है, झूले फूलों से सुसज्जित किए जाते हैं, और श्रीकृष्ण-राधा की मूर्तियों को विशेष वस्त्रों से सजाकर झूले में विराजमान किया जाता है।
✨ कैसे मनाया जाता है झूलन उत्सव?
1. भव्य झूले की सजावट
मंदिर में झूला अत्यंत भव्य और सुंदर तरीके से फूलों, झालरों, रंगीन कपड़ों, और लाइट्स से सजाया जाता है। प्रतिदिन अलग-अलग थीम और रंगों में झूले की सजावट की जाती है।
2. राधा-कृष्ण की मूर्तियों का श्रृंगार
भगवान को प्रतिदिन नए वस्त्रों, आभूषणों और पुष्पों से सजाया जाता है। उनका श्रृंगार देखने भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है।
3. सांस्कृतिक संध्या
हर शाम मंदिर परिसर में भजन, कीर्तन, संगीत और नृत्य का कार्यक्रम आयोजित होता है। कलाकारों द्वारा रासलीला, कथक और अन्य भक्तिपरक प्रस्तुतियाँ दी जाती हैं।
4. भक्तों द्वारा झुलाना
हर दिन भगवान को झूले पर झुलाया जाता है, और भक्तों को भी झूला झुलाने का सौभाग्य मिलता है। यह पल भक्तों के लिए अत्यंत भावुक और आध्यात्मिक होता है।
🌍 भारत में झूलन यात्रा का महत्व
भारत के अनेक हिस्सों में यह उत्सव हर्षोल्लास से मनाया जाता है, परंतु मथुरा, वृंदावन, पुरी और ओडिशा में इसका विशेष महत्व है। हजारों की संख्या में कृष्ण भक्त इन पवित्र स्थलों पर एकत्रित होते हैं और राधा-कृष्ण के प्रति अपनी भक्ति अर्पित करते हैं।
पुरी के श्रीजगन्नाथ मंदिर में भी यह उत्सव एक सप्ताह तक चलता है, जहां भगवान जगन्नाथ को संगीत और नृत्य के साथ झुलाया जाता है।
🎉 श्री जगन्नाथ मंदिर थायागराज नगर में झूलन उत्सव की विशेषताएं
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प्रतिदिन फूलों से सजे भव्य झूले
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विशेष रात्रि आरती और भजन संध्या
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राधा-कृष्ण की प्रतिदिन भव्य झांकी
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झूले पर विराजमान राधा-कृष्ण की फोटो सेशन और दर्शन
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भक्तों के लिए प्रसाद वितरण
यहां परंपरा और आधुनिकता का सुंदर संगम देखने को मिलता है, जहां श्रद्धा के साथ-साथ आकर्षण भी होता है।
📣 हम आपको आमंत्रित करते हैं
श्री जगन्नाथ मंदिर, थायागराज नगर, नई दिल्ली के परिवार की ओर से हम समस्त भक्तजनों, श्रद्धालुओं और संस्कृति प्रेमियों को झूलन पूर्णिमा 2025 के इस दिव्य महोत्सव में सपरिवार सादर आमंत्रित करते हैं।
आइए, इस पावन अवसर पर राधा-कृष्ण के प्रेम, भक्ति और सौंदर्य को महसूस करें, झूले को झुलाएं और आध्यात्मिक आनंद की अनुभूति प्राप्त करें।
🙏 FAQs – झूलन पूर्णिमा के बारे में आपके प्रश्न
Q1. झूलन पूर्णिमा कब मनाई जाती है?
उत्तर: यह श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया से लेकर पूर्णिमा तक मनाई जाती है। वर्ष 2025 में यह उत्सव 04 अगस्त से 10 अगस्त तक चलेगा।
Q2. झूलन उत्सव क्यों मनाया जाता है?
उत्तर: यह उत्सव भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी के दिव्य प्रेम की स्मृति में मनाया जाता है। इस दौरान उन्हें झूले पर झुलाकर भक्त अपने प्रेम और श्रद्धा को प्रकट करते हैं।
Q3. क्या आम लोग झूला झुला सकते हैं?
उत्तर: हाँ, श्री जगन्नाथ मंदिर में आने वाले सभी भक्तों को झूला झुलाने का सौभाग्य प्राप्त होता है।
Q4. क्या यहाँ पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं?
उत्तर: जी हाँ, प्रतिदिन संध्या को भजन, कीर्तन, रासलीला और नृत्य का आयोजन किया जाता है।
Q5. क्या मंदिर में प्रसाद भी मिलता है?
उत्तर: जी हाँ, हर दिन श्रद्धालुओं के लिए विशेष प्रसाद का वितरण किया जाता है।
❤️ समापन विचार
झूलन पूर्णिमा केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक यात्रा है जो भक्तों को राधा-कृष्ण के प्रेम, सौंदर्य और भक्ति की ऊँचाइयों तक पहुंचाती है। यह वह समय होता है जब मनुष्य अपने सांसारिक जीवन से ऊपर उठकर दिव्यता को महसूस करता है।
इस वर्ष, श्री जगन्नाथ मंदिर, थायागराज नगर, दिल्ली में आयोजित यह उत्सव एक अवसर है—खुद को भक्ति में डुबोने, परिवार सहित जुड़ने, और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरने का।
📍 एक बार फिर याद दिला दें:
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📅 तारीख: 04 अगस्त 2025 से 10 अगस्त 2025
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🕢 समय: शाम 7:30 बजे से रात 9:00 बजे तक
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📍 स्थान: श्री जगन्नाथ मंदिर, थायागराज नगर, नई दिल्ली
✨ आइए, इस झूलन यात्रा में भाग लेकर राधा-कृष्ण के दिव्य प्रेम का उत्सव मनाएं! ✨
जय श्री राधे कृष्ण | जय जगन्नाथ!