🔱 श्रीकृष्ण की लीलाएं: चमत्कारी घटनाएं जो धर्म और भक्ति का संदेश देती हैं
श्रीकृष्ण की लीलाएं भारतीय सनातन संस्कृति का अद्भुत हिस्सा हैं, जो न केवल धर्म और भक्ति का मार्ग दिखाती हैं बल्कि जीवन के गूढ़ संदेश भी देती हैं। बाल्यकाल से लेकर महाभारत तक, भगवान श्रीकृष्ण ने अपने भक्तों के लिए अनेक चमत्कारी लीलाएं कीं जिनमें साहस, करुणा, और प्रेम झलकता है।
🌼 प्रमुख लीलाएं जो भक्तों के ह्रदय में बसती हैं
1. पूतना वध
श्रीकृष्ण के बाल्यकाल में कंस ने उन्हें मारने के लिए पूतना नामक राक्षसी को भेजा। विषैले स्तनपान के माध्यम से हत्या का प्रयास विफल हुआ और श्रीकृष्ण ने पूतना का वध कर उसे मोक्ष प्रदान किया।
2. कालिया नाग का दमन
यमुना नदी में रहने वाला विषैला नाग कालिया जब पर्यावरण को दूषित करने लगा, तब श्रीकृष्ण ने उसकी पीठ पर नृत्य करते हुए उसे पराजित किया और यमुना को शुद्ध किया।
3. गोवर्धन पर्वत की लीला
इंद्रदेव के क्रोध से गाँव को बचाने के लिए श्रीकृष्ण ने अपनी छोटी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत उठाकर सभी को आश्रय दिया। इससे अहंकारी इंद्र का घमंड भी चूर हो गया।
4. माखन चोर लीला
श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं में माखन चुराना सबसे लोकप्रिय है। यह लीला हमें सिखाती है कि भगवान अपने भक्तों के प्रेम में बाल रूप में भी खेलते हैं।
5. रासलीला
गोपियों के साथ किया गया दिव्य नृत्य — रासलीला, आत्मा और परमात्मा के मिलन का प्रतीक है, जो प्रेम, समर्पण और भक्ति का सर्वोच्च स्वरूप है।
6. कंस वध
अपने मामा कंस के अत्याचारों से मथुरा को मुक्त कराने के लिए श्रीकृष्ण ने उसका वध किया और धर्म की स्थापना की।
7. गीता का उपदेश
महाभारत युद्ध के समय अर्जुन को धर्म, कर्म और आत्मा का ज्ञान श्रीकृष्ण ने भगवद गीता के माध्यम से दिया, जो आज भी विश्व को दिशा दिखाता है।
✅ निष्कर्ष
श्रीकृष्ण की लीलाएं केवल कथाएँ नहीं, बल्कि जीवन के हर मोड़ पर मार्गदर्शन देने वाले सिद्धांत हैं। उनका हर कार्य धर्म, प्रेम और कर्मयोग का प्रतीक है, जो आज भी श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
❓ Frequently Asked Questions (FAQs)
Q1: श्रीकृष्ण की सबसे प्रसिद्ध लीला कौन-सी है?
A: गोवर्धन पर्वत उठाने की लीला और रासलीला सबसे प्रसिद्ध हैं जो उनके दिव्य स्वरूप और भक्तवत्सलता को दर्शाती हैं।
Q2: श्रीकृष्ण ने कालिया नाग को क्यों पराजित किया?
A: यमुना को विषमुक्त करने और भक्तों की रक्षा हेतु।
Q3: भगवद गीता का उपदेश कब दिया गया?
A: महाभारत के युद्ध में अर्जुन को धर्म संकट से निकालने हेतु। श्रीकृष्ण से जगन्नाथ तक – रूपांतरण कथा
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