The Oldest Shri Jagannath Mandir in Delhi & NCR - Since 1968

करवा चौथ (Karva Chauth): व्रत का महत्त्व, परंपराएं, और कथा

करवा चौथ भारतीय विवाहित महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण व्रत है, जिसे वे अपने पति की लंबी उम्र और समृद्धि के लिए रखती हैं। इस दिन महिलाएं सूर्योदय से चंद्रोदय तक निर्जला व्रत करती हैं और चंद्रमा को देखकर अपने व्रत का पारण करती हैं। यह त्योहार नारी शक्ति, प्रेम और त्याग का प्रतीक है, और कार्तिक माह की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है, जो अक्टूबर या नवंबर में पड़ता है।

करवा चौथ की परंपराएं

  1. सोलह श्रृंगार: करवा चौथ के दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं। इसमें चूड़ियाँ, बिंदी, सिंदूर, मेहंदी और सुंदर वस्त्र शामिल होते हैं। यह श्रृंगार वैवाहिक जीवन के सुख-समृद्धि और नारीत्व की सुंदरता का प्रतीक है।
  2. करवा चौथ कथा: व्रत के दौरान महिलाएं करवा चौथ की कथा सुनती हैं। इस कथा में साहस, प्रेम, और नारी शक्ति की प्रेरक कहानियाँ सुनाई जाती हैं, जिससे व्रत का महत्व और गहरा हो जाता है।
  3. चंद्रोदय पर पूजा: पूरे दिन के निर्जला व्रत के बाद महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं। इसके बाद पति की लंबी आयु की कामना करते हुए पति के हाथ से जल ग्रहण कर व्रत तोड़ती हैं।

करवा चौथ कथा

करवा चौथ की कथा कई रूपों में प्रचलित है, लेकिन यहाँ एक प्रमुख कथा है जिसे व्रत के दौरान सुनाया जाता है:

बहुत समय पहले, वीरवती नामक एक सुंदर और धार्मिक महिला थी, जो सात भाइयों की एकमात्र बहन थी। विवाह के बाद वीरवती ने पहली बार करवा चौथ का व्रत रखा। पूरे दिन निर्जला व्रत रखने के कारण वह कमजोर हो गई और उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। उसकी हालत देखकर, उसके भाइयों को उसकी चिंता होने लगी। भाइयों ने अपनी बहन को व्रत तोड़ने के लिए मजबूर करने का एक उपाय सोचा।

भाइयों ने एक पेड़ पर दर्पण लगाकर चंद्रमा के उदय होने का भ्रम पैदा किया और वीरवती से कहा कि चंद्रमा निकल आया है। वीरवती ने भाइयों की बातों पर विश्वास करके चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोल लिया। जैसे ही उसने पहला निवाला खाया, उसे यह आभास हुआ कि कुछ गलत हो गया है। उसी क्षण उसे अपने पति के निधन की खबर मिली।

यह जानकर वीरवती दुखी हो गई और उसने अपने पति की जीवन रक्षा के लिए देवी माँ से प्रार्थना की। उसकी सच्ची भक्ति और प्रार्थना से प्रभावित होकर देवी माँ ने उसकी तपस्या स्वीकार की और उसके पति को जीवित कर दिया। इस प्रकार, वीरवती का व्रत सफल हुआ और तब से हर वर्ष करवा चौथ का व्रत रखा जाने लगा।

करवा चौथ 2024

वर्ष 2024 में करवा चौथ 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए श्रद्धा और समर्पण के साथ व्रत रखेंगी।

व्रत के लाभ

करवा चौथ न केवल पति की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए मनाया जाता है, बल्कि यह व्रत नारी शक्ति, प्रेम, और समर्पण का भी प्रतीक है। इस दिन महिलाएं एकजुट होकर अपनी संस्कृति और परंपराओं को निभाती हैं और अपनी आस्था को मजबूत करती हैं।

इस करवा चौथ, नारी शक्ति और त्याग की भावना के साथ अपने पति की लंबी आयु की कामना करें और करवा चौथ की कथा सुनकर इस पावन पर्व को संपूर्ण बनाएं।

Share this post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Support Rath Yatra 2025! 🙏

Be a part of Shri Jagannath Mandir’s Rath Yatra Mahotsav (27 June – 07 July 2025) by sponsoring prasad, decorations, sewa, or advertisements. Your generous donations will help in organizing rituals, distributing bhog, and ensuring a grand celebration. Contribute today and receive divine blessings!

📲 Quick Payment/Donation Link: Click to Donate

For sponsorship details, contact 9319045850 / 011-24647722.

Anubhav Mohanty & Jagrati Shukla’s Wedding

AT SHRI JAGANNATH MANDIR, THYAGRAJ NAGAR, DELHI

Related Posts
रथ अनुकूल एवं अक्षय तृतीया (रथ निर्माण पूजा)

Rath Anukula & Akshaya Tritiya (Rath Nirman Puja)

श्री जगन्नाथ मंदिर, त्यागराज नगर, नई दिल्ली में 30 अप्रैल 2025 को विशेष आयोजन भारत की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं में भगवान श्री जगन्नाथ जी की

Read More »
panna sankranti jagannath mandir thyagraj nagar delhi 2025

पणा संक्रांति 2025: श्री जगन्नाथ मंदिर, दिल्ली में पारंपरिक आस्था और उल्लास का संगम

भारत विविधता में एकता का प्रतीक है और यहां के त्योहार इसकी जीवंत मिसाल हैं। उन्हीं में से एक है पणा संक्रांति, जो विशेष रूप

Read More »
chhenapoda-diwas thyagraj nagar delhi jagannath mandir

छेना पोड़ा दिवस – भक्ति, संस्कृति और स्वाद का मीठा उत्सव

भारत विविधताओं से भरा एक ऐसा देश है जहाँ हर त्यौहार अपने साथ एक गहरी आस्था, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और विशेष व्यंजन लेकर आता है। इन्हीं

Read More »
Social Media Updates