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Haryali Teej 2025 Celebrations at Shri Jagannath Mandir, Delhi

Haryali Teej 2025 at Shri Jagannath Mandir will be celebrated with immense devotion and joy. This auspicious festival, observed during the holy month of Sawan, invites devotees to gather at Shri Jagannath Mandir in Thyagraj Nagar, Delhi for a day filled with mehndi, fasting, and spiritual songs. Spiritual Essence of Haryali Teej Haryali Teej carries deep spiritual value, especially for Hindu women in northern India. This vibrant festival celebrates the sacred bond between Lord Shiva and Goddess Parvati. It also signifies marital devotion, feminine strength, and the lush beauty of the monsoon season. Women wear green attire, apply mehndi, enjoy swings, and perform rituals to seek blessings for their families. Historical Roots of Haryali Teej Ancient Hindu texts recount Goddess Parvati’s intense meditation to win Lord Shiva’s love. Her dedication moved Lord Shiva, who accepted her as his divine partner. This symbolic reunion forms the foundation of Haryali Teej. In

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Maha Sawan Shivratri 2025: Auspicious Day of Devotion at Shri Jagannath Mandir

The sacred month of Sawan offers several opportunities for spiritual devotion. Among them, Maha Sawan Shivratri 2025, which falls on Wednesday, 23rd July, stands out as one of the most significant nights dedicated to Lord Shiva. This period invites devotees to fast, chant mantras, and perform sacred rituals that honor Lord Shiva’s divine grace. Celebrated across India with unwavering faith, this night holds deep spiritual, cultural, and seasonal value. Spiritual Observance on Maha Sawan Shivratri Devotees across India observe Maha Sawan Shivratri on 23rd July 2025, considering it one of the most spiritually meaningful nights of the Sawan month. On this night, devotees dedicate themselves to prayer, fasting, and temple visits. Shri Jagannath Mandir in Thyagraj Nagar, Delhi, becomes a spiritual hub, with devotees gathering for the grand Maha Jaal Abhishek, collective chanting, and vibrant temple festivities that embody divine energy. Significance of the Sawan Month Shravan, also known as

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नीलाद्री बिजे 2025: रथ यात्रा का भव्य समापन – जब भगवान जगन्नाथ अपने धाम लौटते हैं, और रूठी प्रिया को मनाते हैं!

नीलाद्री बिजे त्यागराज नगर: आस्था, प्रेम और मिलन का ये अद्वितीय पर्व! एक महीने से अधिक समय तक चला प्रतीक्षा का सफर, दस दिनों की अलौकिक यात्रा, और फिर एक भव्य घर वापसी – यही है नीलाद्री बिजे का सार. यह सिर्फ रथों का लौटना नहीं, बल्कि भगवान जगन्नाथ की अपने धाम में विजयी वापसी है. इससे भी बढ़कर, यह अपनी प्रिय पत्नी देवी लक्ष्मी को मनाने की एक प्रेमिल लीला है. 08 जुलाई, 2025 को, दिल्ली के त्यागराज नगर स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर, नीलाद्री बिजे के इस हृदयस्पर्शी अनुष्ठान का साक्षी बनेगा. यह वह दिन है जब रथ यात्रा का महापर्व अपने चरम पर पहुँचता है, और भगवान अपने सिंहासन पर पुनः विराजमान होते हैं. आइए, इस अंतिम और सबसे भावुक अनुष्ठान के महत्व, इसकी अनोखी कथाओं और त्यागराज नगर में इसके जीवंत आयोजन को विस्तार से जानें. नीलाद्री बिजे: यात्रा का चरमोत्कर्ष और भावनात्मक पुनर्मिलन  ‘नीलाद्री बिजे’ का

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आधार पाणा 2025: देवताओं के कंठ को तृप्त करता दिव्य अमृत – त्यागराज नगर में भगवान जगन्नाथ को समर्पित विशिष्ट भोग!

आधार पाणा त्यागराज नगर: जहाँ भगवान को मिलता है सबसे खास अमृत! सोचिए, एक ऐसा पेय जो न केवल स्वाद में अद्वितीय है, बल्कि जिसका हर कण श्रद्धा और समर्पण से ओतप्रोत है. यह साधारण जल नहीं, बल्कि देवताओं के लिए तैयार किया गया एक विशेष भोग है. हम बात कर रहे हैं आधार पाणा की, रथ यात्रा के समापन की ओर बढ़ते हुए भगवान जगन्नाथ को अर्पित किए जाने वाले एक रहस्यमय और पवित्र पेय की. 07 जुलाई, 2025 को, दिल्ली के त्यागराज नगर स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर एक ऐसे दुर्लभ अनुष्ठान का गवाह बनेगा. यहाँ भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा को उनके रथों पर ही यह अलौकिक पेय श्रद्धापूर्वक चढ़ाया जाएगा. यह महज़ एक परंपरा नहीं, बल्कि कृतज्ञता की अभिव्यक्ति है. वास्तव में, यह एक ऐसा विशिष्ट भोग है जो ब्रह्मांडीय शक्तियों के साथ हमारे संबंध को दर्शाता है. आइए, इस पवित्र विधान के पीछे छिपी कथाओं,

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शिव विवाह 2025: त्यागराज नगर में देखें महादेव और माता पार्वती का दिव्य मिलन!

शिव विवाह 2025: त्यागराज नगर में साक्षात् प्रेम की अलौकिक गाथा! कल्पना कीजिए – एक ऐसा पल, जब देवों के देव महादेव और आदिशक्ति माता पार्वती एक अटूट बंधन में बंधते हैं! यह सिर्फ एक पौराणिक कथा नहीं, बल्कि हर साल जीवंत होने वाला एक दिव्य उत्सव है, जो प्रेम, त्याग और समर्पण की अद्भुत गाथा सुनाता है. क्या आप इस अलौकिक विवाह के साक्षी बनने को तैयार हैं? दिल्ली के दिल, त्यागराज नगर स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर, में इस वर्ष यह पवित्र आयोजन पूरी भव्यता से मनाया जाएगा. यहाँ सिर्फ रथ यात्रा की परंपराएं ही नहीं, बल्कि हर बड़े हिंदू पर्व को भी उसी निष्ठा और उत्साह के साथ जीवंत किया जाता है. इस बार मौका है महादेव और माता पार्वती के विवाह का – जिसे शिव विवाह के नाम से जाना जाता है. यह ऐसा अवसर है, जहाँ भक्त शिव-पार्वती के अमर प्रेम से जुड़कर स्वयं को धन्य

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सुना वेश 2025: जब सोने में दमकते हैं भगवान जगन्नाथ – त्यागराज नगर में अद्भुत स्वर्णिम दर्शन!

त्यागराज नगर में देखें प्रभु का अलौकिक स्वर्णिम रूप! कल्पना कीजिए: सैकड़ों किलो शुद्ध सोने से जड़े, जगमगाते हुए भगवान, अपने विशाल रथों पर विराजमान! यह कोई स्वर्गलोक का दृश्य नहीं, बल्कि दिल्ली के त्यागराज नगर में होने वाला सुना वेश उत्सव है. यह पर्व रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ के सबसे भव्य और आकर्षक रूपों में से एक है. 06 जुलाई, 2025 को, श्री जगन्नाथ मंदिर, त्यागराज नगर, एक ऐसे अलौकिक दृश्य का साक्षी बनेगा. यहाँ भक्त अपने आराध्य को स्वर्ण रूप में निहारकर धन्य हो जाएँगे. यह केवल आभूषणों का प्रदर्शन नहीं, बल्कि भगवान की दिव्य महिमा और ऐश्वर्य का प्रतीक है. आइए, इस स्वर्ण वेश के पीछे की ऐतिहासिक, आध्यात्मिक कहानियों और त्यागराज नगर में इसकी भव्य तैयारी को विस्तार से जानें. सुना वेश: स्वर्ण में लिपटी दिव्यता का दर्शन  ‘सुना वेश’ ओड़िया भाषा के दो शब्दों ‘सुना’ (सोना) और ‘वेश’ (परिधान) से मिलकर बना है.

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बाहुड़ा यात्रा 2025: जब भगवान जगन्नाथ लौटते हैं अपने धाम – त्यागराज नगर में आस्था की घर वापसी!

बाहुड़ा यात्रा दिल्ली: लाखों भक्तों संग करें भगवान की भव्य घर वापसी का स्वागत! दस दिनों के प्रवास के बाद, जब अपने प्रिय लौटते हैं, तो कैसा लगता है? एक अनूठा उत्साह, एक अलग ही खुशी और अपनेपन का एहसास! यही भावना दिल्ली के त्यागराज नगर में उमड़ती है. यह वो पल होता है जब भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा अपनी वार्षिक बाहुड़ा यात्रा 2025 पर वापस लौटते हैं. 05 जुलाई, 2025 को, त्यागराज नगर स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर में, भगवान की भव्य रथ यात्रा का दूसरा चरण देखने को मिलेगा. यह सिर्फ रथों की वापसी नहीं, बल्कि भक्तों की प्रतीक्षा का सुखद अंत है. साथ ही, यह एक ऐसा पर्व है जो विरह के बाद मिलन का आनंद लाता है. आइए, इस ‘घर वापसी’ यात्रा के महत्व, इसकी परंपराओं और त्यागराज नगर में इसके भव्य आयोजन को गहराई से जानें. बाहुड़ा यात्रा: एक वापसी जो उत्सव बन गई! 

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हेरा पंचमी 2025: जब प्रेम में रूठती हैं देवी लक्ष्मी – त्यागराज नगर में अनूठा रथ यात्रा उत्सव!

हेरा पंचमी दिल्ली: इस रथ यात्रा उत्सव में देखें लक्ष्मी जी की प्रेम भरी मनुहार! एक तरफ भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा का उल्लास, दूसरी ओर अपनी रूठी हुई प्रिया को मनाने की अनोखी लीला. कल्पना कीजिए, पुरी से दूर दिल्ली के दिल में, एक ऐसा उत्सव जहाँ प्रेम, नाराज़गी और मनुहार का अद्भुत संगम होता है! हम बात कर रहे हैं हेरा पंचमी 2025 की. 01 जुलाई, 2025 को, दिल्ली का श्री जगन्नाथ मंदिर, त्यागराज नगर, एक ऐसी परंपरा का साक्षी बनेगा. यह परंपरा भक्तों को भगवान के मानवीय रिश्तों से गहराई से जोड़ती है. यह सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि पति-पत्नी के बीच प्रेम और नाराजगी की एक मनमोहक गाथा है. आइए, इस अनूठी लीला के पीछे की कहानी, इसका महत्व और त्यागराज नगर में इसके जीवंत आयोजन को विस्तार से जानें. हेरा पंचमी: प्रेम और नाराजगी का अनोखा ताना-बाना हेरा पंचमी रथ यात्रा के पांचवें दिन

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नेत्रोत्सव 2025: त्यागराज नगर में भगवान जगन्नाथ का नवयौवन दर्शन!

भगवान जगन्नाथ के नए रूप के पहले दर्शन – नेत्रोत्सव 2025 का खास दिन! क्या आप जानते हैं कि 15 दिनों के एकांतवास के बाद भगवान जगन्नाथ भक्तों को कैसे दर्शन देते हैं? यह किसी रहस्य से कम नहीं! दरअसल, यह एक अद्भुत परंपरा है, जिसे ‘नेत्रोत्सव’ या ‘नव्यौवन दर्शन’ कहते हैं. यह भगवान और भक्तों के बीच के अटूट रिश्ते का एक ऐसा पर्व है, जिसका हर श्रद्धालु बेसब्री से इंतजार करता है. 26 जून, 2025 को, दिल्ली के त्यागराज नगर स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर में यह दिव्य उत्सव मनाया जाएगा. देवस्नान पूर्णिमा के बाद 15 दिनों तक एकांत में रहने के बाद, भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा एक नए, युवा रूप में भक्तों के सामने प्रकट होंगे. आइए, इस विशेष दिन के महत्व, इसकी कथाओं और त्यागराज नगर में इसके भव्य आयोजन को विस्तार से जानें. नेत्रोत्सव क्या है? – भगवान का नवयौवन रूप!  सीधे शब्दों में

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देवस्नान पूर्णिमा 2025: त्यागराज नगर में भगवान जगन्नाथ का दिव्य स्नान उत्सव!

देवस्नान पूर्णिमा 2025: आस्था, स्नान और अनवसर का रहस्य क्या आपने कभी सोचा है कि भगवान भी बीमार पड़ते हैं? या उन्हें भी आराम की ज़रूरत होती है? यह बात थोड़ी अटपटी लग सकती है. हालांकि, ओडिशा के पुरी धाम में और दिल्ली के त्यागराज नगर जैसे जगन्नाथ मंदिरों में मनाई जाने वाली देवस्नान पूर्णिमा का यही तो सार है. यह सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक गहरी आस्था और भगवान के प्रति भक्तों के असीम प्रेम का प्रतीक है. 11 जून, 2025 को, त्यागराज नगर, दिल्ली का श्री जगन्नाथ मंदिर एक दिव्य उत्सव का साक्षी बनेगा. यह है देवस्नान पूर्णिमा! इस दिन भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा को सार्वजनिक रूप से पवित्र जल से स्नान कराया जाता है. इसके बाद, वे 15 दिनों के लिए भक्तों के दर्शन से ओझल हो जाते हैं. आइए, इस अद्भुत परंपरा की गहराइयों में गोता लगाएँ और इसके महत्व को जानें.

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