🌼 माँ कूष्मांडा की पूजा श्री जगन्नाथ मंदिर दिल्ली में
नवरात्रि के चौथे दिन माँ कूष्मांडा की पूजा की जाती है। श्री जगन्नाथ मंदिर दिल्ली में माँ कूष्मांडा की आराधना विशेष श्रद्धा और ऊर्जा के साथ होती है। देवी कूष्मांडा को सृष्टि की रचयिता माना जाता है — उन्होंने अपने हल्के मुस्कान (कूष्म) से पूरा ब्रह्मांड (अंड) उत्पन्न किया, इसलिए उनका नाम पड़ा कूष्मांडा।
📜 पौराणिक कथा
जब चारों ओर अंधकार ही अंधकार था और सृष्टि का कोई अस्तित्व नहीं था, तब माँ कूष्मांडा ने अपने दिव्य प्रकाश से ब्रह्मांड की रचना की। वे सूर्य के अंदर निवास करती हैं और वही शक्ति हैं जिससे सूर्य तेजवान बना। माँ कूष्मांडा को आदिशक्ति का रूप माना जाता है।
🌟 माँ कूष्मांडा का स्वरूप
माँ के आठ हाथ होते हैं, इसलिए इन्हें अष्टभुजा देवी कहा जाता है।
उनके हाथों में होते हैं: धनुष, बाण, चक्र, गदा, कमंडल, अमृत कलश, जप माला और कमल।
माँ सिंह पर सवार रहती हैं जो शक्ति, साहस और आत्मबल का प्रतीक है।
🛕 श्री जगन्नाथ मंदिर में पूजा का महत्व
माँ कूष्मांडा की पूजा श्री जगन्नाथ मंदिर दिल्ली में करने से भक्तों को कई दिव्य लाभ प्राप्त होते हैं:
शरीर में सकारात्मक ऊर्जा और तेज बढ़ता है
रोग, भय और जीवन की बाधाएं दूर होती हैं
आरोग्य, समृद्धि और दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है
मानसिक शांति और आत्मबल की वृद्धि होती है
🕉️ माँ कूष्मांडा का मंत्र
“ॐ देवी कूष्मांडायै नमः”
इस मंत्र का जाप करने से मन को शांति मिलती है और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
🪔 माँ कूष्मांडा की आरती
जय कूष्मांडा माता, जय जग की जननी।
सुख सम्पत्ति दायिनी, दीनन की भवानी॥
तेरी ज्योति से सारा जग उजियारा।
तुम बिन कोई भी नहीं है सहारा॥
जो भी तेरा ध्यान लगाए,
सभी बिगड़े काज बनाए॥
तेरे भक्तों की तू रखवाली।
करती है माँ तू भंडारी॥
तेरा नाम जो भी जपता है।
माँ उसकी नैया पार होता है॥
कृपा करो मुझ पर दयामयी।
सर्वसिद्धि दो वरदायिनी॥
जय कूष्मांडा माता, जय जग की जननी।
सुख सम्पत्ति दायिनी, दीनन की भवानी॥
निष्कर्ष
माँ कूष्मांडा की पूजा श्री जगन्नाथ मंदिर दिल्ली में भक्तों को न केवल आरोग्य और समृद्धि देती है, बल्कि पूरे जीवन को सकारात्मक ऊर्जा और आनंद से भर देती है। माँ के चरणों में भक्ति से किया गया छोटा सा प्रयास भी बड़े फल देता है।
🙏 जय माता दी! 🙏