The Oldest Shri Jagannath Mandir in Delhi & NCR - Since 1968

पहिली भोग: भगवान जगन्नाथ को समर्पित एक विशेष परंपरा

pahilibhog-jagannathmandir delhi

भारत की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं में, धर्म और भक्ति का विशेष स्थान है। इनमें से एक अद्वितीय परंपरा है “पहिली भोग”। यह परंपरा भगवान जगन्नाथ से जुड़ी है और हर साल धनु संक्रांति से मकर संक्रांति तक 30 दिनों तक मनाई जाती है। इस लेख में, हम आपको पहिली भोग की महिमा, इसके धार्मिक महत्व और इससे जुड़ी प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।


पहिली भोग का धार्मिक महत्व

पहिली भोग की परंपरा भगवान जगन्नाथ की दिव्य लीलाओं से जुड़ी है। मान्यता के अनुसार, ‘मार्गशीर्ष’ माह में भगवान जगन्नाथ की पत्नी देवी लक्ष्मी अपने पिता के घर जाती हैं और वहां एक माह तक रहती हैं। इस दौरान, भगवान जगन्नाथ के लिए उनकी माँ यशोदा विशेष भोग तैयार करती हैं। इस भोग को प्रेम और श्रद्धा के साथ भगवान को अर्पित किया जाता है।

पहिली भोग में भगवान को जिन व्यंजनों का भोग लगाया जाता है, उनमें मिठास, सरलता और पवित्रता का समावेश होता है। ऐसा माना जाता है कि इस भोग को अर्पित करने से भगवान की कृपा प्राप्त होती है और भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि आती है।


पहिली भोग का आयोजन और प्रक्रिया

स्थान और अवधि:

पहिली भोग हर साल श्री जगन्नाथ मंदिर, त्यागराज नगर, नई दिल्ली में आयोजित किया जाता है। यह आयोजन धनु संक्रांति (इस वर्ष 15 दिसंबर 2024) से शुरू होकर मकर संक्रांति के एक दिन पहले (14 जनवरी 2025) तक चलता है।

भोग अर्पण प्रक्रिया:

  • भक्त इस अवधि के दौरान किसी भी दिन भोग अर्पित कर सकते हैं।
  • भोग अर्पण के लिए ₹501/- का दान किया जाता है।
  • भोग के अंतर्गत मीठे चावल, सादे चावल, मीठी दाल, साग, घांट (मिक्स वेज), खट्टा, गाजा, खाजा, लड्डू, रसगुल्ला, काकरा और एंडुरी जैसे 11 विशेष व्यंजन शामिल होते हैं।
  • अर्पित भोग सुबह 9 बजे के बाद भक्त मंदिर से प्राप्त कर सकते हैं।

पहिली भोग के लाभ और महत्व

  1. आध्यात्मिक शांति:
    पहिली भोग भगवान जगन्नाथ को समर्पित करने से भक्तों को आध्यात्मिक शांति और संतुष्टि का अनुभव होता है।
  2. पारिवारिक समृद्धि:
    यह माना जाता है कि भोग अर्पण करने से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
  3. ईश्वर की कृपा:
    जो भक्त सच्चे मन से इस भोग को अर्पित करते हैं, उन्हें भगवान जगन्नाथ की कृपा प्राप्त होती है।
  4. सांस्कृतिक जुड़ाव:
    यह परंपरा हमें हमारी संस्कृति और धार्मिक मूल्यों से जोड़ती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. पहिली भोग क्या है?

पहिली भोग भगवान जगन्नाथ को समर्पित विशेष भोग है, जो धनु संक्रांति से मकर संक्रांति तक देवी लक्ष्मी की अनुपस्थिति में माँ यशोदा द्वारा तैयार किया जाता है।

2. यह आयोजन कहाँ होता है?

यह आयोजन श्री जगन्नाथ मंदिर, त्यागराज नगर, नई दिल्ली में होता है।

3. भोग अर्पण के लिए कितना दान देना होता है?

भोग अर्पण के लिए भक्तों को ₹501/- का दान देना होता है।

4. भोग में कौन-कौन से व्यंजन शामिल हैं?

भोग में मीठे चावल, सादे चावल, मीठी दाल, साग, घांट, खट्टा, गाजा, खाजा, लड्डू, रसगुल्ला, काकरा, और एंडुरी जैसे 11 व्यंजन शामिल हैं।

5. भोग प्राप्त करने का समय क्या है?

भक्त सुबह 9 बजे के बाद मंदिर के रिसेप्शन से भोग प्राप्त कर सकते हैं।

6. भोग अर्पण के लिए कैसे संपर्क करें?

भोग अर्पण के लिए आप 9319045850, 011-24626966, या 011-24647722 पर संपर्क कर सकते हैं।

7. ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा उपलब्ध है?

हां, आप QR कोड स्कैन करके ऑनलाइन बुकिंग कर सकते हैं।


निष्कर्ष

पहिली भोग भगवान जगन्नाथ की भक्ति का एक सुंदर उदाहरण है, जो हमें हमारी परंपराओं और धर्म से जोड़ता है। यह न केवल आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है, बल्कि हमारे जीवन में सकारात्मकता और शांति भी लाता है।

इस पावन अवसर का हिस्सा बनें और भगवान जगन्नाथ की कृपा प्राप्त करें। जय जगन्नाथ! 🙏

बुकिंग के लिए तुरंत संपर्क करें! Click for Booking 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Posts