December 3, 2024
माँ कात्यायनी देवी दुर्गा के नौ रूपों में छठा स्वरूप हैं, जिनकी पूजा नवरात्रि के छठे दिन की जाती है। माँ कात्यायनी को शक्ति और वीरता का प्रतीक माना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार, ऋषि कात्यायन ने देवी भगवती की कठिन तपस्या की थी और उनकी इच्छा थी कि देवी उनके घर में जन्म लें। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर देवी ने उनके घर पुत्री रूप में जन्म लिया, जिसके कारण उन्हें “कात्यायनी” नाम दिया गया।
माँ कात्यायनी को युद्ध की देवी माना जाता है, जो दुष्टों का नाश करती हैं और अपने भक्तों की हर प्रकार की बाधाओं से रक्षा करती हैं। उनका यह रूप शौर्य, साहस, और विजय का प्रतीक है, जो दर्शाता है कि माँ कात्यायनी दुष्टों और अत्याचारियों का अंत करने वाली हैं।
माँ कात्यायनी का पौराणिक महत्व:
माँ कात्यायनी का जन्म महिषासुर जैसे दुष्ट राक्षसों का वध करने के लिए हुआ था। महिषासुर ने अपने अत्याचार से पूरे संसार को त्रस्त कर रखा था। तब सभी देवताओं ने अपनी-अपनी शक्तियों को मिलाकर माँ कात्यायनी की रचना की, जिन्होंने महिषासुर का वध कर देवताओं को उसके आतंक से मुक्त किया। इस प्रकार, माँ कात्यायनी महिषासुरमर्दिनी के नाम से भी विख्यात हैं।
माँ कात्यायनी का स्वरूप अत्यंत तेजस्वी और दिव्य है। उनके चार हाथ होते हैं। एक हाथ में तलवार और दूसरे हाथ में कमल का पुष्प होता है। बाकी दो हाथ आशीर्वाद और वरदान मुद्रा में होते हैं। माँ सिंह पर सवार रहती हैं, जो उनकी शक्ति और अदम्य साहस का प्रतीक है।
पूजा विधि:
नवरात्रि के छठे दिन माँ कात्यायनी की पूजा की जाती है। यह दिन विशेष रूप से वीरता, साहस, और जीवन में विजय प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
- मंत्र: “ॐ देवी कात्यायन्यै नमः” मंत्र का जाप करते हुए माँ की पूजा की जाती है।
- पूजा सामग्री: देवी को विशेष रूप से लाल फूल, चंदन, धूप, दीप, और नैवेद्य अर्पित किया जाता है। माँ कात्यायनी को शहद का भोग विशेष रूप से प्रिय है, अतः इसे नैवेद्य के रूप में अर्पित किया जाता है।
- नैवेद्य: देवी को शहद का भोग लगाना शुभ माना जाता है, जिससे जीवन में मधुरता और समृद्धि आती है।
माँ कात्यायनी की पूजा का महत्व:
माँ कात्यायनी की पूजा से भक्तों को रोगों, बाधाओं, और दुश्मनों से मुक्ति मिलती है। उनकी उपासना करने से जीवन में साहस, शक्ति, और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। माँ कात्यायनी की पूजा से मनुष्य में शारीरिक और मानसिक बल की वृद्धि होती है, जिससे वह जीवन की कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होता है।
यह भी माना जाता है कि माँ कात्यायनी की उपासना करने से विवाह संबंधी समस्याओं का समाधान होता है। अविवाहित लड़कियों के लिए उनकी पूजा विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है, ताकि वे मनचाहा वर प्राप्त कर सकें।
माँ कात्यायनी अपने भक्तों की हर प्रकार की विपत्तियों से रक्षा करती हैं और उन्हें जीवन में विजय और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। उनके आशीर्वाद से भक्तों को हर प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है और वे जीवन में शांति, समृद्धि और सुख का अनुभव करते हैं।