November 6, 2024
माँ स्कंदमाता देवी दुर्गा के नौ रूपों में पाँचवां स्वरूप हैं, जिनकी पूजा नवरात्रि के पाँचवें दिन की जाती है। “स्कंदमाता” का अर्थ है स्कंद (भगवान कार्तिकेय) की माता। स्कंदमाता को मातृत्व और ममता का प्रतीक माना जाता है। उनके पुत्र भगवान स्कंद (कार्तिकेय) युद्ध और शक्ति के देवता हैं, जिन्हें देवताओं का सेनापति माना जाता है। माँ स्कंदमाता का यह रूप प्रेम, करुणा, और वात्सल्य से भरा हुआ है, लेकिन साथ ही वे अपने भक्तों की रक्षा के लिए अत्यंत शक्तिशाली और क्रोधित रूप धारण करने में सक्षम हैं।
माँ स्कंदमाता का पौराणिक महत्व:
माँ स्कंदमाता की पौराणिक कथा के अनुसार, उन्होंने अपने पुत्र स्कंद को असुरों के अत्याचार से रक्षा करने के लिए देवताओं की सेना का नेतृत्व करने के लिए तैयार किया। भगवान स्कंद ने तारकासुर जैसे राक्षसों का वध किया और देवताओं को विजय दिलाई। माँ स्कंदमाता को इस रूप में पूजा जाता है, जो अपने भक्तों की हर प्रकार की विपत्ति से रक्षा करती हैं और उन्हें अपनी ममता की छाया में आश्रय देती हैं।
माँ स्कंदमाता सिंह पर सवार होती हैं और उनकी गोद में बालक स्कंद (कार्तिकेय) विराजमान होते हैं। उनके चार हाथ होते हैं: दो हाथों में कमल के पुष्प होते हैं, एक हाथ में बालक कार्तिकेय को पकड़े हुए हैं और चौथा हाथ आशीर्वाद मुद्रा में होता है। उनके चेहरे पर अत्यंत शांति और सौम्यता का भाव होता है, जो दर्शाता है कि वे अपनी ममता से अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं।
पूजा विधि:
नवरात्रि के पाँचवें दिन माँ स्कंदमाता की पूजा की जाती है। यह दिन विशेष रूप से उन भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है, जो संतान सुख की कामना करते हैं या जो अपने बच्चों की समृद्धि और भलाई की कामना करते हैं।
- मंत्र: “ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः” मंत्र का जाप करते हुए देवी की पूजा की जाती है।
- पूजा सामग्री: देवी को सफेद फूल, कुमकुम, अक्षत, धूप, दीपक, और नैवेद्य अर्पित किया जाता है। माँ स्कंदमाता को विशेष रूप से सफेद रंग के वस्त्र और सफेद फूल चढ़ाने से विशेष कृपा प्राप्त होती है।
- नैवेद्य: देवी को केले का भोग लगाया जाता है, जो उन्हें अत्यंत प्रिय है।
माँ स्कंदमाता की पूजा का महत्व:
माँ स्कंदमाता की उपासना से भक्तों को ज्ञान, मोक्ष, और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। उनकी कृपा से भक्तों की सारी इच्छाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख और शांति का आगमन होता है। माँ स्कंदमाता की पूजा करने से भक्तों के समस्त संकट और कष्ट समाप्त हो जाते हैं, और उन्हें समृद्धि, शांति और आंतरिक शक्ति प्राप्त होती है।
यह भी माना जाता है कि माँ स्कंदमाता की उपासना करने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है, क्योंकि उनका यह रूप आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है। माँ की कृपा से व्यक्ति जीवन की सभी बाधाओं और कठिनाइयों को पार कर सकता है और अपने जीवन में सफलता और समृद्धि प्राप्त कर सकता है।
माँ स्कंदमाता अपने भक्तों को प्रेम, ममता, और सुरक्षा का आशीर्वाद देती हैं, जिससे उनके जीवन में हर प्रकार की नकारात्मकता का अंत होता है।