November 6, 2024
Day 3 Chandraghanta
05 October, 2024माँ चंद्रघंटा देवी दुर्गा के नौ रूपों में तीसरा स्वरूप हैं, जिनकी पूजा नवरात्रि के तीसरे दिन की जाती है। चंद्रघंटा देवी का यह रूप शक्ति, वीरता और सौम्यता का प्रतीक है। उनके मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र सुशोभित है, जिसके कारण उनका नाम “चंद्रघंटा” पड़ा। उनका यह रूप शांत होते हुए भी युद्ध और दुष्टों के नाश के लिए तत्पर रहता है।
माँ चंद्रघंटा का पौराणिक महत्व:
माँ चंद्रघंटा की पौराणिक कथा के अनुसार, जब देवी पार्वती ने भगवान शिव से विवाह किया, तो उन्होंने अपने इस दिव्य और युद्धप्रिय स्वरूप को प्रकट किया था। विवाह के समय भगवान शिव साधुओं, भूत-प्रेतों और अन्य विचित्र प्राणियों के साथ अपनी बारात में आए थे, जिन्हें देखकर देवी पार्वती की माता व्याकुल हो गईं। तब देवी पार्वती ने माँ चंद्रघंटा के रूप को धारण कर शिव और उनके साथियों को शांत और सुंदर रूप में प्रकट किया। इसके साथ ही देवी चंद्रघंटा ने शिव के क्रोधित रूप को भी शांत किया। उनका यह रूप सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियों का नाश करने वाला है और शांति तथा सुख-समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करता है।
माँ चंद्रघंटा का स्वरूप:
माँ चंद्रघंटा का रूप अत्यंत दिव्य और तेजस्वी है। उनके दस हाथ हैं, जिनमें विभिन्न अस्त्र-शस्त्र जैसे तलवार, त्रिशूल, गदा, धनुष, और कमल का फूल होता है। उनके एक हाथ में आशीर्वाद मुद्रा होती है। देवी सिंह पर सवार रहती हैं, जो उनकी वीरता और शक्ति का प्रतीक है। उनका यह रूप दुश्मनों को नष्ट करने के लिए युद्ध की तैयारी में सदैव तत्पर है, लेकिन उनके चेहरे पर सौम्यता और करुणा का भाव है।
पूजा विधि:
नवरात्रि के तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा विशेष रूप से वीरता और साहस की प्राप्ति के लिए की जाती है। उनके भक्त पूरी श्रद्धा और भक्ति से उनकी पूजा करते हैं।
- मंत्र: “ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः” मंत्र का जाप करते हुए पूजा की जाती है।
- पूजा सामग्री: लाल पुष्प, चंदन, धूप, दीपक, फल, और दूध से बनी मिठाइयों का उपयोग पूजा में किया जाता है। देवी को विशेष रूप से दूध और उसके बने पदार्थ अर्पित किए जाते हैं।
- नैवेद्य: देवी को गाय का दूध और उससे बनी मिठाइयां प्रिय हैं, अतः उन्हें यह नैवेद्य अर्पित किया जाता है।
माँ चंद्रघंटा की पूजा का महत्व:
माँ चंद्रघंटा की पूजा से मन और शरीर में शांति, साहस, और आत्मविश्वास का संचार होता है। उनकी उपासना से जीवन की हर नकारात्मकता का नाश होता है और व्यक्ति में एक नई ऊर्जा का संचार होता है। भक्तों को उनके आशीर्वाद से युद्ध जैसे जीवन के कठिन संघर्षों से निपटने की शक्ति मिलती है। इसके साथ ही, माँ चंद्रघंटा की पूजा से घर में शांति, सुख, और समृद्धि का वास होता है।
माँ चंद्रघंटा अपने भक्तों की सभी प्रकार की परेशानियों और बाधाओं को दूर करती हैं और उन्हें साहस, शक्ति और सौम्यता प्रदान करती हैं। उनके आशीर्वाद से जीवन में विजय और सफलता प्राप्त होती है।